पूछ रही है मां गंगा
कब तक मुझे सताओगे
मुझे बचाने वालो को
कब तक तुम मरवाओगे
निगमानंद,सानंद संतो का
बलिदान आज पुकार रहा
वोटो की राजनीति में
कब तक मुझे घुमाओंगे
मुझमे जो कचरा भरा है
उसको कब हटवाओगे
मेरी सफाई के नाम पर
करोड़ो रुपये डकार लिए
मेरी हालत बद से बदतर है
उसे कब सुधरवाओगे
पीने लायक नही गंगाजल
स्नान करने में भी खतरा है
जैसी भागीरथ लाये थे
वैसी कब बनवाओगे
राजनीति तो बहुत हो गई
मुझको साफ करने की
नमामि गंगे का थोथा ढोंग
कब तक यूँ रचवाओगे
मेरी पवित्रता बहाल हो
ऐसा कब कर पाओगे
मेरी बदहाली को देखकर
शिव परमात्मा भी खुश नही
परमात्मा की खुशी के लिए
शुद्ध गंगा सम्मान कब दिलवाओगे।
#गोपाल नारसन
परिचय: गोपाल नारसन की जन्मतिथि-२८ मई १९६४ हैl आपका निवास जनपद हरिद्वार(उत्तराखंड राज्य) स्थित गणेशपुर रुड़की के गीतांजलि विहार में हैl आपने कला व विधि में स्नातक के साथ ही पत्रकारिता की शिक्षा भी ली है,तो डिप्लोमा,विद्या वाचस्पति मानद सहित विद्यासागर मानद भी हासिल है। वकालत आपका व्यवसाय है और राज्य उपभोक्ता आयोग से जुड़े हुए हैंl लेखन के चलते आपकी हिन्दी में प्रकाशित पुस्तकें १२-नया विकास,चैक पोस्ट, मीडिया को फांसी दो,प्रवास और तिनका-तिनका संघर्ष आदि हैंl कुछ किताबें प्रकाशन की प्रक्रिया में हैंl सेवाकार्य में ख़ास तौर से उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए २५ वर्ष से उपभोक्ता जागरूकता अभियान जारी है,जिसके तहत विभिन्न शिक्षण संस्थाओं व विधिक सेवा प्राधिकरण के शिविरों में निःशुल्क रूप से उपभोक्ता कानून की जानकारी देते हैंl आपने चरित्र निर्माण शिविरों का वर्षों तक संचालन किया है तो,पत्रकारिता के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों व अंधविश्वास के विरूद्ध लेखन के साथ-साथ साक्षरता,शिक्षा व समग्र विकास का चिंतन लेखन भी जारी हैl राज्य स्तर पर मास्टर खिलाड़ी के रुप में पैदल चाल में २००३ में स्वर्ण पदक विजेता,दौड़ में कांस्य पदक तथा नेशनल मास्टर एथलीट चैम्पियनशिप सहित नेशनल स्वीमिंग चैम्पियनशिप में भी भागीदारी रही है। श्री नारसन को सम्मान के रूप में राष्ट्रीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा डॉ.आम्बेडकर नेशनल फैलोशिप,प्रेरक व्यक्तित्व सम्मान के साथ भी विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ भागलपुर(बिहार) द्वारा
भारत गौरव