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नौकरी के नौ काम है,दसवां काम है हां जी का,
करते रहो सारे काम,कोई काम नहीं ना जी का।
नौकरी में नहीं हैं आजादी,ये काम है गुलामी का,
सारे दिन हां हां करो,पूरे दिन ये काम सलामी का।
नौकर के नौ हाथ होते,पूरा काम टांग तराजू का,
एक हाथ से काम न चलेगा,काम दोनों बाजू का।
नौकरी में मिलती नहीं है,पूरा वेतन मेहनत का,
जिस दिन काम न करोगे,कटेगा हिस्सा वेतन का।।
मालिक जब तुम्हे बुलाए,करे प्रयोग शब्द हां जी का,
करे फैसला तुम्हारे बारे में,मानो उसको जैसे काजी का।
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम
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