#पूनम (कतरियार)
Read Time1 Minute, 0 Second
जगदंबे-जगजननी
जगत की महारानी
किये सोलहवों सिंगार
भव्य रूप है तुम्हार
माथे टीका है सजा
सिंदुर से मांग है भरा
गले में हंसुंली सोहे
झूमका मन को मोहे
कर में कंगन की चमक
कटि-किंकिणी की दमक
बोले रुनझुन पायलियां
बाजे बिछुआ पैजनियां
गुड़हल-सी लाल- चूनरी
सबके हृदय बस रही
धर कर त्रिशूल-कटार
करती असुरों का संहार
पूरी करने हमारी आस
भवानी आईं हमारे द्वार
अपराजिता-हरसिंगार
नीम के पत्तों की बहार
नाचो झूम -झूमकर
पुकारो गान गाकर
ताशे की छाये झंकार
ढोल बजाओ बारंबार
जगत के कोने-कोने में
अम्बे का सज गया दरबार
मां, अब दे दो आशीर्वाद
करूं मैं तेरी जय -जयकार!!
Average Rating
5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%
पसंदीदा साहित्य
-
July 26, 2017
बेटियों ने दिल जीत लिया
-
August 8, 2017
अमर भाई-बहना का प्यार..
-
March 28, 2021
होली एक विशेष पर्व
-
October 27, 2017
मिटे मन का अज्ञान