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छोड़ो चूल्हा- चौकी रोटी ।
आओ, पढ़ाई कर लो बेटी ।।
घर का बाद में करना काम।
जग में रोशन कर लो नाम।।
विदूषी बन महको ज्यों फूल।
लो बस्ता जाओ स्कूल।।
पढो-लिखो छूलो नभ – चोटी।
छोड़ो चूल्हा – चौकी रोटी ।
आओ, पढ़ाई कर लो बेटी।।
नहीं हो तुम बेटों से कम।
शक्ति , स्नेह का हो संगम।।
दम दिखा दो अपना जग में।
पूरा कर लो सपना जग में।।
बडी़ हो तुम दुनिया है छोटी।
छोडो़ चूल्हा- चौकी रोटी।
आओ , पढा़ई कर लो बेटी।।
#सुनील चौरसिया ‘सावन’
कुशीनगर(उत्तर प्रदेश)
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