सुनो

0 0
Read Time1 Minute, 39 Second

sandhya

सुनो
एक पगली सी लड़की
तुम्हे बहुत चाहती है
तुम सिर्फ उस के हो
ये सोच के इतराती है
बेइंतहा कोई किसी को
चाहे ये मुमकिन तो नही
बस खूबसूरत से ख्यालों
में डूब जाती है
दर्द की हर एक
दास्तां वो तुम्हारे साथ
हो कर भूल जाती है
यूँ तो जमाने मे भला
कौन किसी का साथ देता है।
फिर भी ना जाने कौन सा
रिश्ता है जो वो तुमसे
निभाये जाती है।
गुमसुम सी रहती है
अपनी ही ख्यालों की
दुनियाँ में कही वो
एक प्यार का आशियाना
तुम्हारे दिल मे सजाये जाती है।
एक पगली सी लड़की
सोच के उन लम्हो को
वेवजह ही मुस्काये जाती है
गुम हो जाती है अपनी
सजायी इस दुनियाँ में
तुम्हे अपना हमसफ़र
वो बनाये जाती है
एक पगली सी लड़की
आज फिर वेवजह ही
क्यों ना जाने मुस्कुराये
जाती है।
कितनी मासूम है
उस की मुहब्बत की
बदले में वो तुम से
कुछ नही बस दो
मीठी प्यारे बोल
ही मांगे जाती है।
तुम ना समझोगे कभी
उस को ये वो भी
जानती है मगर
बस तुम्हे अपने
प्यार का अहसास
दिलाये जाती है।
वो पगली लड़की
बिन कुछ कहे
बिन कुछ सुने
एक नगमा
एक तरन्नुम सी
गाये जाती है।।

संध्या चतुर्वेदी
मथुरा उप

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

कवि का आह्वान

Mon Sep 17 , 2018
उठ कवि, अपनी क़लम चला। लिख दे तू सबका भला-भला। अपावन को भी कर  दे पावन, दिखा जगत  को अपनी कला। क़लम  की  धार से कतर सर अज्ञान का, काल कराल टला। असि  लेखनी  बुद्धि रोशनाई, किसने  भला  तुझको  छला। तू  मानवता  की  सृष्टि कर दे, अधर्म,अन्याय,अनीति जला। दानवता  का   […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।