# गोपाल कौशलपरिचय : गोपाल कौशल नागदा जिला धार (मध्यप्रदेश) में रहते हैं और रोज एक नई कविता लिखने की आदत बना रखी है।
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3 दिसंबर विश्व विकलांग दिवस पर विशेष रचनाएं ……
गिरने न दिया हमको हर बार संभाला हैं
खुदा तेरा भी खेल बडा ही निराला हैं ।
जमाना कैसे समझें हमारी हकीकत को
अपने सांचे में खुदा ने हमें ऐसा ढाला हैं ।।
लोगो ने सवालों को इस तरह उछाला हैं
अंधियारे जीवन में न जाने कब उजाला हैं ।
हमारा रहबर हर मस्जिद हैं, हर शिवाला हैं
जीने का हुनर हमारा सदियों से निराला हैं ।।
नजरों में हमारी कोई अदना हैं न आला हैं
हम कुछ करके दिखाएं मन में पाला हैं ।
सपनों में जीवन हैं , हौसलों से जीते हैं
हमारी हर मंजिल पर खुदा ही रखवाला हैं ।।
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