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अपराधी चले अपनी चाल
चुप चाप बैठे सरकार ।।
दिन दहाड़े लूट हत्या बालात्कार
खूब हो रहे विकास रूपी चमत्कार।।
शहरों में ऊँचे ऊँचे व्रीज
नोचे लगे करोना मरीज।।
गांव घर में तरसते लोग
माइक पर बरसते पावर के लोग।।
हद हो चुकी है वेशर्मी की
चैनलों की हठधर्मी की।।
बंदी मे भी पीकर मरते लोग
पुलिस हो चली निठल्ली लोग
शाम होते चढती जाम
अब है घर-घर इंतजाम।।
आशुतोष
पटना बिहार
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