मनावर जिला धार (मप्र ) के वरिष्ठ कवि श्री शिवदत्त जी “प्राण ” ने लगभग 60 वर्ष पूर्व गणेश जी की स्वरचित आरती लिखी थी जो पूरे मनावर एवं आसपास के क्षेत्रों में संगीत के साथ आज तक ये ही आरती गणेशउत्सव पर गाई जाती है-
आरती गजानन जी की ,पार्वती नंदन शिवसुत की ।
गले में मोतीयन की माला ,साथ है ऋद्दि-सिद्दि बाला ।
वाहन को मूषक है काला ,शीश पर मुकुट चन्द्र वाला ।
चलो हम दर्शन को जावें , पूजा की वस्तु को भी लावें ।
पूजन कर साथ 2 नमाऊँ माथ 2 जोड़कर हाथ 2
कहो जय गोरी नंदन की ,पार्वती नंदन शिवसुत की
आरती गजानन जी की ……………
हाथ में अंकुश और फरसा ,विनय कर सब जगधरी आशा ।
करेंगे प्रभु सब दुःख को नाशा ,कृपा करी पूरन हो आशा
के सुनकर उत्सव गणपति को ,के सुर नर दौड़े दर्शन को ।
जावें सब साथ 2 पुष्प ले हाथ 2 ,दृष्टि करी माथ 2
कहो जय जय जय गणपति जी की ,पार्वती नंदन शिवसुत की।
आरती गजानन जी की. ………..
केशव सुत शरण है चरण में ,मण्डली बाल समान संग में ।
विनय कर दीन -हीन स्वर में ,सुखी रखों जनता को जग में
भारत माँ के है हम सब लाल, चिरायु करों इन्हें गनराज
विनय के साथ 2 नमाऊँ माथ 2 जोड़कर हाथ
करों इच्छा सेवकों की ,की पार्वती नंदन शिवसुत की ।
आरती गजानन जी की ……………
#संजय वर्मा ‘दृष्टि’
परिचय : संजय वर्मा ‘दॄष्टि’ धार जिले के मनावर(म.प्र.) में रहते हैं और जल संसाधन विभाग में कार्यरत हैं।आपका जन्म उज्जैन में 1962 में हुआ है। आपने आईटीआई की शिक्षा उज्जैन से ली है। आपके प्रकाशन विवरण की बात करें तो प्रकाशन देश-विदेश की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर रचनाओं का प्रकाशन होता है। इनकी प्रकाशित काव्य कृति में ‘दरवाजे पर दस्तक’ के साथ ही ‘खट्टे-मीठे रिश्ते’ उपन्यास है। कनाडा में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता की है। आपको भारत की ओर से सम्मान-2015 मिला है तो अनेक साहित्यिक संस्थाओं से भी सम्मानित हो चुके हैं। शब्द प्रवाह (उज्जैन), यशधारा (धार), लघुकथा संस्था (जबलपुर) में उप संपादक के रुप में संस्थाओं से सम्बद्धता भी है।आकाशवाणी इंदौर पर काव्य पाठ के साथ ही मनावर में भी काव्य पाठ करते रहे हैं।