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करागार में जन्म लिया,
हालातों ने दूर किया,
नंद बाबा ने अपना कर,
स्व- जिवन उद्धार किया।
मात यशोदा गोदी मिल गई,
जैसे सारी खुशियाँ मिल गई,
नंद बाबा के मनिक आँगन में ,
दुध दही की नदियाँ मिल गई।
ग्वालन गोपीन की टोली,
बृन्दावन कदम्ब की छांही,
नटखट नंदलाला तुमको,
मिली नेह,प्यार की डोरी।
मटकी तोडी,मकख्न चोरी,
गोपीन संग लीला की सारी,
कभी राम तो कभी कान्हा,
बनकर हर ली विपदा सारी।
# विपिन कुमार मौर्या
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