सृष्टि का यह चक्र अद्भुत है समझ ले, यह समय के साधकों के संग चला है। हाथ की रेखाओं के बल जो खड़ा है, वक्त ने अब तक उसी को ही छला है। व्यर्थ तेरी कुंडलियों की समय गणना, अगले पल होना क्या किसने कहा है। ताश के पत्ते तूफानों […]
चलो दूर शहर से,कहीं शांत शहर में, दोजक से कहीं दूर,जन्नत के शहर मे। पागल है ये जमाना दौलत के नसे में, चल दूर कहीं साथी चाहत के शहर में। बरसों तलक थी आशा अपने तमाम थे, अब बेबशी की माया अपने ही शहर में। चलो दूर शहर से,कहीं शांत […]
सनम तेरी मुलाकातों का ये सिलसिला, भुल कर भी सनम कभी भुला न पाया । क्या कमी रह गई प्यार में ये दिलरुबा , सनम आज तक मैं खुद समझ न पाया। आज तक ओ सनम तेरी यादों का, सिल सिला बरकरार है। न जाने कैसी सनम तेरी लगन का, […]
करागार में जन्म लिया, हालातों ने दूर किया, नंद बाबा ने अपना कर, स्व- जिवन उद्धार किया। मात यशोदा गोदी मिल गई, जैसे सारी खुशियाँ मिल गई, नंद बाबा के मनिक आँगन में , दुध दही की नदियाँ मिल गई। ग्वालन गोपीन की टोली, बृन्दावन कदम्ब की छांही, नटखट नंदलाला […]
वतन से हमको भी यारा, मोहब्बत है मोहब्बत है । ये जन्नत से भी ज्यादा, खूबसूरत है खूबसूरत है। यहाँ सावन की मस्ती है, यहाँ जड़ों की ठण्डक है। यहाँ बारिश की रिमझिम है, यहाँ मस्ती हर वक्त रहती है। यहाँ पंक्षी चहकते हैं, यहाँ कोयल कूकती है। यहाँ पर्वत […]
गुरू की महिमा अजीब, अजीब उनकी उपमा रही। घर की चिन्ताएं सब छोड़, बस छात्रों की चिंता करी । अंधकार हियँ से दूर कर, ज्ञान की ज्वाला तेज की। हर मन में संशय दूर कर, विश्वास रूपी नीव रखी। ज्ञान का पुंज सहनशीलता, मस्तक पर तेज की ज्वाला। परम् पूज्य […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।