*बेला/मोगरा*

0 0
Read Time2 Minute, 19 Second

babulal sharma

भरै पेट जद  चाहत होवै  मोगरा,
पण  रीतै न इमरत  लागै सोगरा।

खसबू, भारी चोखी लागै जीवा नै,
बेल,मोगरा अलबेला,बेला होवैछै।
बात रईसी करै तो भाँया सुणलै रै,
बेला री खसबू कामणियाँ सोवैछै।
काना  माँई  सैन्ट  लगावै  डोकरा।
भरै  पेट जद  चाहत  होवै मोगरा।

राजस्थानी फसल बड़ीछै बाजरो,
थे काँई समझोला  ई सग माजरो।
घणा घणा रिश्ता नाता धरती पर,
सबसूँ चोखो लागै सब नै सासरो।
देवा नै  तो चाव लगै नित भोग रो,
भरै पेट जद चाहत  होवै  मोगरो।

पेट भरण नै सींगर  खाटो सोगरा,
भरै पेट जद दाव चलाणा योग रा।
घर बागाँ  कोयलड़ी रा गीत सुणाँ,
खसबू  लेवाँ  धौला  फूलाँ मोगरा।
भरै  पेट जद  चाहत  होवै मोगरा,
पण रीतै नै इमरत  खाटो सोगरा।

भूखाँ भजन न होय कथी बड़काँ,
भावै  न जूही  चम्पा बेला मोगरा।
धाप्याँ  री परभात  सांझ दौपहरी,
चोखा  नीका  लागै  बूढ़ा डोकरा।
भरै पेट जद  चाहत चम्पा मोगरा,
पण रीतै नै इमरत  सींगर सोगरा।

डोकरा = बुजुर्ग
सोगरा = बाजरे की रोटी
सींगर= खेजड़ी की फली (सब्जी) 
खाटो = कढ़ी

नाम– बाबू लाल शर्मा 
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

"बापू का भात"

Tue Aug 28 , 2018
जग्गु अचानक ठोकर खा कर गिरा था या खाली पेट चक्कर खा कर पता नहीं पर सब दौडकर उठाते तब तक उसकी साँसे पुरी हो चुकी थी। मैयत से आकर दो घड़ी को उसके पास बैठे सभी अपने-अपने काम पर निकल गये थे। जिवल्या तो शायद कुछ ठीक से समझ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।