. *कुण्डलिया छंद*
. *1*
हरियाली हर हार में, पावस की मनुहार।
प्रिये मिलन उपहार है, झूलन का त्यौहार।
झूलन का त्यौहार, सखी सब संगत झूले।
पिय हिय की बतराय,मोद मन ही मन फूले।
कहे लाल कविराय,झुलत हिय में वनमाली।
सखियाँ समझें और,बसे हरिमन हरियाली।
. *2*
सावन की शुभ तीज है,आइ गये भरतार।
मन चाही मन की हुई ,रीत प्रीत मनुहार।
रीत प्रीत मनुहार, सजन लहरिया लाए।
चूड़े अजब सिंगार, सिंजारे घेवर आए।
कहे लाल कविराय,आय नित ऐसे पावन।
शिव गौरी श्रृंगार, कान्ह राधे ज्यों सावन।
. *3*
भादौ,राखी आत ही,पिय सनेह बढ़ि अाय।
रीत प्रीत मनुहार करि,प्रिया पीहर न जाय।
प्रिया पीहर न जाय,खुशामद सब ही करते।
राखी देओ भेज, तर्क सब अपने धरते।
*लाल* लहरियो लाय, लडावे राधा माधव।
घर बाहर मत जाय, बधूटी वर्षा भादव।
. *4*
पावस मेल मिलाप की , पशु पक्षी इन्सान।
प्रिय मिलन की आस में,पाले जनि अरमान।
पाले जनि अरमान , प्राणि नर हो या मादा।
लता चढ़े तरु जाय, जीव जनि तज मर्यादा।
*लाल* गुलाबी रंग , पके फल गौरी तामस।
रीत–प्रीत–मनुहार , मनालो अपने पावस।
नाम– बाबू लाल शर्मा
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः
आदरणीय शर्मा जी उत्कृष्ट सृजन।