राज्यपाल हिन्दीतर भाषी हिन्दी सेवी सम्मान समारोह में हुए शामिल

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हिन्दी, भावों की अभिव्यक्ति और मातृभूमि पर मर-मिटने की भक्ति है: राज्यपाल श्री पटेल

मध्यप्रदेश राष्ट्र भाषा प्रचार समिति द्वारा हिन्दी भवन में कार्यक्रम आयोजित
भोपाल। हिन्दी, माँ भारती के मस्तक की बिंदी है। यह सिर्फ भाषा नहीं, भावों की अभिव्यक्ति और मातृ भूमि पर मर मिटने की भक्ति है। हिंदी के सतत् विकास, समृद्धि और प्रसार के लिए क्षेत्रीय शब्दों का हिन्दीकरण और सरलीकरण जरूरी है। यह बात राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने मध्यप्रदेश राष्ट्र भाषा प्रचार समिति द्वारा भोपाल में आयोजित हिन्दी भाषी साहित्यकार और हिन्दी सेवा सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने सम्मानित लेखकों, प्रशासनिक अधिकारियों, हिन्दी सेवा साधकों और युवा साहित्यकारों को बधाई और शुभकामनाएं दीं।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में हिन्दी का प्रसार अहिंदी भाषी राज्यों सहित विदेशों में भी बढ़ा है। यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हिन्दी भाषा की लोकप्रियता में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री श्री मोदी विश्व मंचों पर जब अपनी बात हिंदी में रखते हैं तो सम्पूर्ण विश्व बड़े ध्यान से सुनता है। उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में हिंदी एवं क्षेत्रीय भाषाओं में अध्ययन-अध्यापन के अवसर बढ़ाने पर विशेष जोर दिया है। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश इंजीनियरिंग और चिकित्सा जैसे वैज्ञानिक विषयों की सम्पूर्ण पढ़ाई हिंदी में कराने वाला देश का पहला राज्य है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश राष्ट्र भाषा प्रचार समिति महात्मा गांधी जी के हिंदी के माध्यम से राष्ट्रीय एकता के सपने को पूरा करने की दिशा में प्रयासरत है।
अहिन्दी भाषियों की कठिनाईयों को समझें और समाधान करें
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि हमें अहिंदी भाषियों की हिन्दी के प्रति रूचि बढ़ाने, उनकी कठिनाईयों को समझना होगा। उसका समाधान करना होगा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अहिंदी भाषियों को जोड़ कर हिंदी में चर्चा के लिए प्रोत्साहित करने के प्रयासों पर भी चिंतन किया जाना चाहिए। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि हिंदी को वैश्विक बनाने और लोगों की रुचि बढ़ाने वेब-साइट और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के उपयोग की सम्भावनाओं पर चिंतन किया जाना चाहिए। हिंदी के भाषायी विकास में योगदान देने वालों और हिंदी के क्षेत्र में व्यावसायिक उपलब्धियां प्राप्त करने वालों के सम्मान की पहल भी जरूरी है।
विभिन्न श्रेणियों में प्रदान किए गए हिन्दी सेवी सम्मान
राज्यपाल श्री पटेल ने समारोह में हिन्दी सेवी सम्मान-2024 प्रदान किया। उन्होंने अलग-अलग श्रेणियों में साहित्यकारों, प्रशासनिक अधिकारियों और हिन्दी सेवा साधकों को सम्मानित किया। पुरस्कारों में हिन्दीतर भाषी हिन्दी सेवी, विशिष्ट हिन्दी सेवी सम्मान, स्थापित सम्मान और युवा साहित्यकारों के लिए सम्मान शामिल रहे।
राज्यपाल श्री पटेल ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लालबहादुर शास्त्री के चित्रों पर माल्यार्पण किया। श्री पटेल का प्रचार समिति ने पुष्प-गुच्छ से स्वागत, शॉल और श्रीफल से अभिनंदन किया। इस अवसर पर उन्हें समिति की मासिक पत्रिका भी भेंट की गई। स्वागत उद्बोधन समिति के मंत्री संचालक श्री कैलाश चंद्र पंत ने दिया। श्री रघुनंदन शर्मा ने अध्यक्षीय उद्बोधन दिया। आभार समिति के उपाध्यक्ष डॉ रंजना अरगढ़े ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में सह-सचिव डॉ संगम सक्सेना, से.नि. वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डॉ. मनोज श्रीवास्तव, सम्मानित लेखक, साहित्यकार और उनके परिजन उपस्थित रहे।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।