तेरी नशीली आँखों को शराब लिखूंl
पुराने खतों को महकता गुलाब लिखूंll
झुका दे अपनी पलकें मेरी बांहों में।
आ मेरी हर साँस तुम्हारे नाम लिखूंll
मेरी रुह में उतरकर कर दे मुझ पर इनायत।
बअंदाज दैर में बैठ के तुझे महताब लिखूंll
मेरे दिल की हर कु में है अंधेरा ही अंधेरा।
तेरी-मेरी आँखें मिलें तो आफ़ताब लिखूंll
मेरी आँखों में रहती है हमेशा ही वफ़ा।
तेरे दर्द से मेरी दुआओं तक का हिसाब लिखूंll
कोई लैला-मजनूं पढ़ेंगें अरमान से इश्क़ का पाठl
तेरे संग ख़्वाब में बीती जिंदगी की किताब लिखूंll
#प्रवीण गहलोत(अरमान बाबू)
परिचय : प्रवीण गहलोत राजस्थान के जोधपुर से हैं l आप लेखन में उपनाम-अरमान बाबू लिखते हैंl हिन्दी के साथ ही उर्दू में भी रचना लिखते हैंl आपकी रुचि कविता,नज़्म,गीत और ग़ज़ल लेखन में हैl