मातृभाषा द्वारा आयोजित हिन्दी महोत्सव 2024 का हुआ समापन

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हिन्दी माह में डिजिटल प्रतियोगिताओं के साथ-साथ हुए कई आयोजन

इन्दौर। हिन्दी भाषा को देशभर में विस्तार देने के उद्देश्य से सितम्बर माह को मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा हिन्दी माह के रूप में मनाया जाता है। इस माह में संस्थान द्वारा हिन्दी महोत्सव 2024 का आयोजन किया गया।
विगत आधे दशक से लगातार मनाए जा रहे हिन्दी महोत्सव 2024 के अंतर्गत देश के विभिन्न शहरों में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए एवं संस्थान द्वारा डिजिटल रूप से प्रतिदिन हिन्दी की विभिन्न विधाओं की प्रतियोगिताएँ भी आयोजित की गईं, जिसमें प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।
संस्थान की दिल्ली एवं इंदौर इकाई द्वारा आयोजित हिन्दी माँ के पूजन से हिन्दी महोत्सव 2024 आरम्भ हुआ। इसके बाद इन्दौर, बिलासपुर, दिल्ली, निज़ामाबाद, नागर कर्नुल, गौरी(उप्पुनूतला), चंद्रु(कोंडा रेड्डी पल्ली), जहांगीर (कोट्रा) सहित कई शहरों में लघुकथा मन्थन, प्रतिभा सम्मान, राष्ट्र निर्माता सम्मान, भाषा सारथी सम्मान, पुस्तक मन्थन का विमोचन, काव्य उत्सव, नाटक मंचन, निबन्ध लेखन व भाषण प्रतियोगिता इत्यादि कई आयोजन हुए।
इसी के साथ मातृभाषा.कॉम द्वारा पूरे माह डिजिटल प्रतियोगिताएँ भी आयोजित की गईं, जिसमें सैंकड़ो साहित्यकारों ने हिस्सा लिया।

संस्थान द्वारा हिन्दी महोत्सव 2024 में हिन्दी विधाओं संबंधित कविता, मनहरण घनाक्षरी, आलेख, नारा, हाइकु, ताँका, चौका, लघुकथा, बाल गीत, निबन्ध, समाचार, लोकगीत, पुस्तक समीक्षा, विज्ञापन, संस्मरण, विचार, साक्षात्कार, दोहा, जीवनी, मुक्तक, बाल कहानी, व्यंग्य, कहमुक़री, हास्य कविता, साहित्यिक परिचय, शोध पत्र, सुझाव एवं अनुभव लेखन जैसी प्रतियोगिताएँ महीने भर आयोजित हुईं। इसमें देश के कई राज्यों से प्रतिभागी हिस्सेदारी करते हुए विजेता बने।
डिजिटल महोत्सव का संयोजन संस्थान की राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष शिखा जैन व भावना शर्मा ने किया।
संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान कर शुभकामनाएँ दीं। साथ ही, संस्थान की राष्ट्रीय कार्यकारिणी एवं प्रदेश इकाइयों ने सभी प्रतिभागियों को सहभागिता के लिए उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए शुभकामनाएँ प्रेषित कीं। सितम्बर माह के अंतिम दिन हिन्दी महोत्सव का समापन हुआ।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।