कविता- माँ! तुम रखना ममता का हाथ..

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हे शैलपुत्री! हे ब्रह्मचारिणी!
माँ चंद्रघण्टे ! माँ कुष्मांडा!
हे स्कन्दमाता! हे माँ कात्यायनी!
हे कालरात्रि माँ! माँ महागौरी!
माँ सिद्धिदात्री! माँ, तुम हो दुर्गे।

तुम तपस्विनी, तुम विष्णुमाया,
तुम भव्या, तुम बहुल प्रिया।
चंडमुंड, खड़ग, खप्पर धारिणी,
अष्ट भुज कल्याणकारिणी।

तुम भवप्रिता, तुम भवमोचिनी,
तुम बगलामुखी, तुम दक्ष कन्या।
तुम चामुंडा, तुम लक्ष्मी हो,
हो तुम मात हमारी वैष्णवी।

तुम सावित्री, तुम बलप्रदा,
तुम महिषासुरमर्दनी, तुम ज्वाला।
तुम नारायणी, तुम भद्रकाली,
तुम ही तो हो माँ परमेश्वरी।

चौसठ जोगिनी साथ तुम्हारे,
तुम करती भक्तन रखवाली।
भैरव करते नृत्य भुवन में,
जहाँ बिराजे शिव त्रिपुरारी।

हे कृपासिन्धु! माँ भगवती दुर्गे,
सुनो हमारे अनुनय–विनय को।
जीवन चरणों में करते अर्पण,
स्वीकार करो तुम हम भक्तन को।

करना हम पर कृपा हे माँ!
रहना सदा हमारे साथ,
हम अबोध जग जाने न कोई,
बच्चों पर रखना ममता का हाथ।

माँ! तुम रखना ममता का हाथ..

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’
राष्ट्रीय अध्यक्ष, मातृभाषा उन्नयन संस्थान, भारत

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।