शब्दांजलि     

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         punam katariyar
व्यग्र-प्रतीक्षा चहलकदमी रही कर,
आ जाये समाचार शायद इस  पल
आज गमन तो  निश्चित   है,
मृत्यु- पर्व तुम्हारा निश्चित है।
सदैव रहे  तुम नायक दुर्धर्ष ,
 मोड़ दे जो संग्राम का रुख,
फिर तुमने  वही कर दिखाया..
पंद्रह अगस्त का सम्मान रखा
जन-गण-मन का  मान‌‌  रखा।
मौत को ठेंगे पर रखकर,
मां का आंचल लहराया।
पहले  तिरंगा फर-फर फहराया,
फिर स्वयं को तिरंगे से लिपटा।
कर्मयोगी तेरी राह सरल,
सादा-जीवन, हृदय निश्छल।
सत्-विचारों के पुंज तुम,
नवभारत के थे गूंज   तुम.
कथन का वो चुटीला अंदाज,
सरस भाषण वो जीवन दर्शन,
अमर कर गये तुम्हें दिक्-दिगन्त्।
अधरों की वह अटल-मुस्कान
सदैव याद रखेगा तुम्हें हिन्दुस्तान।
हे मर्मज्ञ-श्रेष्ठ,तुम सदैव श्रद्धेय
 कोटि प्रणम्य  तुम्हें  है बारंबार।
                     

#पूनम( कतरियार)
नाम-   पूनम (कतरियार)
जन्म-स्थान :हजारीबाग(झारखंड)
शिक्षा–   एम.ए.(हिन्दी साहित्य)
संप्रति  –  लेखन
पता   –   पटना(बिहार)

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।