ढूंढाड़ी भाषा :–
वतन पै शहीद हुया भाई
की मूरत पर उणरी बहण
राखी बांधण आवै जद रो
दरस:– *कुण्डलिया-छंद*
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. *1*
फौजाँ मै भरती हुयो, धरा पूत को पूत।
सीमा पै रक्षा करै, भारत वीर सपूत।
भारत वीर सपूत ,बहन राखी बुलवाई।
मै राखी घर आउँ,बहन यादाँ अब आई।
कहे लाल कविराय,होणी चाव जे होजाँ।
रीत चलै टकराव ,लड़ै सीमा पै फौजाँ।
. *2*
बीरो जी बुलाई ही, आज्यो बहन जरूर।
जान गँवादी बीर जी , सहादती दस्तूर।
सहादती दस्तूर , लौटि घर लिपट तिरंगै।
प्रतिमा लागी चौक , हुये परिजान बिरंगै।
‘लाल’पोमचो ओढ़ ल्याइ राखी जड़ हीरो।
हिवड़ो फाट्यो जाय, हुयो क्यूँ मूरत बीरो।
. *3*
भाई थारी याद में , भूली सब सौगात।
राखी बाँधण चाव है ,बीराँ थारै हाथ।
बीरा थारै हाथ, बाँधती राखी म्हारी।
भारत माँ का पूत, गरब अब मूरत थारी।
भर मिल लेंऊँ बाथ, बँधालै राखी ल्याई।
अगली राखी आउँ, देखबाँ सूरति भाई।
. *4*
कुरबानी दे देश पै , रखै तिरंगै शान।
अपणो भी करतब बणै,रहै शहीदी मान।
रहै शहीदी मान, वइ परिवार सम्भालाँ।
पूत गया परलोक, देश री धरा रुखाला।
कहै लाल कविराय,शहीदी बात जुबानी।
राखो उन के मान, शीश जे दे कुरबानी।
नाम- बाबू लाल शर्मा
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः