*याद नहीं उनकी सूरत*

0 0
Read Time2 Minute, 20 Second

shobha sharma
उन शब्दों को मैं कहाँ से ढूँढ कर लाऊं ,
छः दशक बीते कैसे विचारों को संजोऊं।
स्मृति शेष बन कहाँ खो गए धुधंलको में ,
पहला प्रयास ये, पर आए अश्रु पलकों में ।।

सुनती रही माँ से उनकी कहानियाँ ,
तुम तीनों हो अब उनकी निशानियाँ ।
बचा कर रखूंगी लगे ना बुरी नजरिया,
भगवान की हो रहे बस मेहरबानियाँ ।

दीपावली का दिन, रोशन था सारा जहाँ ,
अमावस ने सारा अंधेरा बिखराया यहाँ ।
उस रात हम सब अकेले स्याह से हो गए ,
तीनों  उनींदे से माँ  की गोद में सिमट गए ।

भोर के सूरज से हम तो फिर नए हो गए ,
माँ के जीवन में वो पल ग्रहण से समा गए ।
बस वो माता वो ही पिता, ईश्वर भी वो थीं ,
नियति नटी की डोर पर साहस से चलीं थीं ।

चुनौतियों से भरी राहें ,लक्ष्य नए आते गए,
धैर्य समाया हो जहाँ , सब काफूर हो गए ।
नवाँकुर से बढ़ हम पुष्पित,फलित हो गए ,
वक्त के धारों में बह वो पल सागर में खो गए ।।

श्रीमती शोभा शर्मा
शिक्षा :: बी.ए.–हिन्दी साहित्य , एम. ए.-अर्थशास्त्र – समाजशास्त्र ।
      भोपाल (मध्यप्रदेश)
प्रमुख – विधा ::– हिन्दी कविताएँ ,मुक्तक ,क्षणिकाऐं , मुक्त – गीत ।
अन्य विधाऐं ::– आलेख ,लघुकथा ,विभिन्न प्रमुख कवियों के काव्य पर आधारित कविताएँ ,एवं समीक्षात्मक काव्य सृजन ।
अन्य क्षेत्रीय भाषाएँ ::– मालवी भाषा में  ::— गीत – कविताएँ , मालवी भाषा में –“” मालवा वृत्तांत “” किताब ।
बुन्देलखंडी भाषा में ::– गीत ,कविताएँ ।
आकाशवाणी बैतूल में एंकर —
गीत ,कविताओं का प्रसारण ।
आकाशवाणी भोपाल से प्रसारित कविताएँ  ।
दूरदर्शन भोपाल में क्षेत्रीय – मालवी भाषा में गीत प्रसारण ।
पुस्तक प्रकाशन : –  शीर्षक —“” मालवा – वृत्तांत “”
प्रकाशन वर्ष — 2018 

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

सोलह श्रृंगार..

Wed Aug 1 , 2018
आज सबको बतलाता हूँ , नारी के सोलह श्रृंगार । कोमल शरीर को सँवार के , सज जाती है देखो नार ।। परिवार की समृद्धि बढ़े , इसलिए नारी बिंदी लगाती । जीवन भर पति साथ निभाये , इसलिये माथे पे सिंदूर सजाती ।। काजल आँखों में लगाकर , बुरी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।