सूखे दरख़्त का ठूँठ

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sushil duggad
मैं  वो  सूखे  दरख़्त  का  ठूँठ  हूं,
जो  औरों  के बहुत काम आया ।
पड़ा   हूं  आज  मैं  बीच  राह  में,
ठोकरों का सिर पे इल्जाम आया।
जब  तक  जुड़ा  रहा  मैं  जड़ों से,
अपने  में  जहां  समेटे  खड़ा था ।
बदले   कई   मिजाज   मौसम  ने,
मैं  सदा  अटल अड़िग अड़ा था ।
कुछ   न  चाहत  थी  मेरी  अपनी,
सदा   जमाने  को  मैं  देता  रहा ।
बांटी   खुशियां   खुले   दामन  से,
उनके  जख्मों  को मैं सहता रहा ।
एक  दौर  गुजरा  था मेरी छांव में,
सच कहूं वो भी क्या जमाना था ।
ज़ुबाँ – ज़ुबाँ  पर  चर्चे  थे मेरे  भी,
आता-जाता राही मेरा दीवाना था।
मगर  आया  एक  दिन  ऐसा  भी,
वो  वक्त,  वो  कारवां गुजर गया ।
सूखे  पत्ते,  सूखी  टहनियां  सारी,
एक  आशियां  मानो उजड़ गया ।
आज  रह  गया  हूँ  सिर्फ  ठूँठ  मैं,
जमाने   को   मेरी  दरकार  नहीं ।
पड़ा  हूं  कभी  यहां  कभी वहां मैं,
कोई मेरे ‘स्पर्श’ को भी तैयार नहीं।
शिकवा  नहीं  कोई जमाने से मुझे,
जाते-जाते भी जान लुटा जाऊंगा ।
काट  के सजा लेना चौखट पे मुझे,
मैं  घर   की  शान  बढ़ा  जाऊंगा ।
#सुशील दुगड़ “स्पर्श”
अंकलेश्वर(लुहारिया)

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।