रातों की नींद,जब ख़्वाबों से टकराती है,
सपने,नींदों से समझौता कर आती हैl
न जाने कैसा वो जूनून होता है,
न जाने कैसा वो सुकून होता हैl
न जाने वो कैसी कहानी लिख आती है,
मुकम्मल एक दास्तान हो जाती हैll
पलक के फ़लक़,जुनूनीयत बन आती है,
कायनात भी तब,सिर झुकाती हैl
जुनूनीयत जब यकीन में तब्दील हो जाती है,
हर राह सिरहाने झुक आती हैll
न जाने कैसी वो कशिश होती है,
न जाने कैसी वो खुशी होती हैl
हर ख्वाहिश जब,फ़रमाइश से उभर आती है,
हर गुजारिश,जब जिंदगी के अल्फ़ाज़ बयान कर जाती हैll
यही है सपना,
जिसे बस बनाना है अपनाl
जो संवरती है पलकों पर,
उतरती है अश्कों परl
उभरती है यकीन पर,
और सजती है,जिंदगी के लफ्ज़ों पर…ll
#खुशबू कुमारी
परिचय:खुशबू कुमारी की जन्मतिथि-२० जनवरी १९९६ और जन्म स्थान-मैथन(धनबाद) हैl वर्तमान में आपका निवास एरिया न. ३ में मैथन डैम(धनबाद) के पास हैl झारखंड राज्य से सम्बन्ध रखने वाली खुशबू कुमारी ने गणित विषय से स्नातक की पढ़ाई की हैl लिखना आपकी पसंद का काम हैl