तुम मेरी मधुर रागिनी पर मै तुम्हारा मौन हूँ
विस्मृत हो मत देखना कि मैं तुम्हारा कौन हूँ ।
चकोर की चाहत तुम बनो मैं तुम्हारा व्योम हूँ
चाँदनी सी उज्वला तुम और मैं तुम्हारा रोम हूँ ।
नीलाभ्र नभ में बगुलों की पंक्तियों में खोजता हूँ
नृत्यांगना मयूरी सी धरा पर मैं तुम्हें देखता हूँ।
भ्रमर सा गुंजार कर कलियों में तुम्हें ढूँढता रहूँ
आम्र मंजरी सी हवा में इठलाती मैं सोचता रहूँ ।
तितलियों के रंगीन पंख फूलों से मैं बनाता रहूँ
वारिदों में इन्द्र धनुष सी मैं तुम्हें सजाता रहूँ ।
जीवन पटल पर तूलिका से रंग मैं भरता रहूँ
यूँ उभरते चित्र सी आभा मैं तुम्हें बनाता रहूँ ।
स्वप्न युग की अकथ कहानी मैं सुनाता रहूँ
तुम स्मित मधुर चक्षु मैं क्षार पानी बनता रहूँ ।
सागर की लहरों पर मैं साहिल बन डोलता हूँ
तुम सीप में मोती सी छुपी मैं यहाँ निहरता हूँ ।
“अन कहीं बातें” बयाँ कर मैं प्रश्न चिन्ह मौन हूँ
अधरों को खोल; अब पूछो कि तुम मेरे कौन हो ????
श्रीमती शोभा शर्मा
शिक्षा ::— बी.ए.–हिन्दी साहित्य , एम. ए.-अर्थशास्त्र – समाजशास्त्र ।
भोपाल (मध्यप्रदेश)
प्रमुख – विधा ::– हिन्दी कविताएँ ,मुक्तक ,क्षणिकाऐं , मुक्त – गीत ।
अन्य विधाऐं ::– आलेख ,लघुकथा ,विभिन्न प्रमुख कवियों के काव्य पर आधारित कविताएँ ,एवं समीक्षात्मक काव्य सृजन ।
अन्य क्षेत्रीय भाषाएँ ::– मालवी भाषा में ::— गीत – कविताएँ , मालवी भाषा में –“” मालवा वृत्तांत “” किताब ।
बुन्देलखंडी भाषा में ::– गीत ,कविताएँ ।
आकाशवाणी बैतूल में एंकर —
गीत ,कविताओं का प्रसारण ।
आकाशवाणी भोपाल से प्रसारित कविताएँ ।
दूरदर्शन भोपाल में क्षेत्रीय – मालवी भाषा में गीत प्रसारण ।
पुस्तक प्रकाशन : – शीर्षक —“” मालवा – वृत्तांत “”
प्रकाशन वर्ष — 2018