रजनी रामदेवन्यू दिल्लीपरिचयनाम–रजनी रामदेवशिक्षा- स्नातकसम्मान–फेस बुक के विभिन्न साहित्यिक ग्रुप्स में समान पत्र प्राप्तप्रकाशन– कुछ साँझा संकलन और देश के प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में निरन्तर प्रकाशन तथा कुछ e-books में प्रकाशित रचनाएँ
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जन जी आगे आगे
सजनी भी पीछे भागे
हाथ लिए झाड़ू आज
खूब धमका रही
रात आये पी शराब
बन ठाठ से नबाब
झाड़ने लगे रुआब
अब बतला रही
माना हो मेरे सुहाग
बेसुरा क्यूँ गाते राग
झेलना पड़े बैराग
आज समझा रही
बीते साल दर साल
करते रहे बेहाल
देख झाड़ू का कमाल
आज दिखला रही
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