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सुयोग ध्यान साधना मिटा रहे हिये विकार|
पवित्र भाव को लिये करो तु योग बार बार||
शरीर स्वस्थ स्वच्छ हो विवेक पूर्ण हो विचार|
सु दिव्य देह प्राण में सु ज्ञान देत है पसार||
भुजंग सूर्य आसनः सु शक्ति देह दे अपार|
सुताड वृक्ष उज्जयी कपाल भांति को सिआर||
सु भस्त्रिका सु भ्रामरी सु शीतली सु उड्डियान|
हलासनः शवासनः मयूर आसनः महान||
सु नेति धौति नौलि बस्ति त्राटकः विशिष्ट जान|
सु मंत्र ओम् ओम् से समाय ओज प्राण प्राण||
मिटाय धर्म भेद भाव ऊँच नीच जात पात|
मनोविकार त्याग के करो तु योग साथ साथ||
#चंचल पाण्डेय ‘चरित्र’
परिचय: चंचल पाण्डेय ‘चरित्र’ की जन्मतिथि-५ अप्रैल १९८९ और जन्म स्थान-रूदपै है। निवास शहर-शंभूगंज (राज्य-बिहार)में है। आपने बी.ए. की शिक्षा हासिल की और गैर सरकारी शिक्षक हैं। आप काव्य लेखन करते हैं,जिसका उद्देश्य-हिन्दी का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करना है।
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