कुछ वक़्त पहले मै रायपुर से भोपाल आ रही थी तो ट्रेन में साथ की सीट पर बैठे लोग अपने अपने फ़ोन या लैपटॉप पे व्यस्त थे। में भी कुछ पढ़ने में व्यस्त थी क्योकि पेपर नज़दीक थे। सफर के कुछ पांच से छह घंटे ऐसे ही बीते। तभी अचानक एक […]
शिकायतों, आलोचनाओं से दुःख क्यों होता है? मनोवैज्ञानिक रूप से देखें तो किसी भी शिकायत की सबसे प्रमुख वजह है निर्भरता। निर्भरता उम्मीद की साथिन भी होती है और संतति भी। उम्मीद है कि खाना अच्छा मिलेगा, नहीं मिला तो शिकायत है। अगर बच्चे से उम्मीद है 90 प्रतिशत की […]
मन के हारे हार है,मन के जीते जीत आज सुबह जैसे ही उठी पता नहीं क्यों लगा कि कुछ अप्रिय घटना होने वाली है। मन डर गया पर मैंने कमर कस ली कि चाहे कुछ भी हो परिस्थितियों को अपने ऊपर हावी नहीं होने दूंगी। दृढ़ निश्चय किया कि आज […]
अख़बार वाला रोजाना अख़बार डालता आ रहा है | मगर कुछ दिनों से अख़बार डाल नहीं रहा था | मैने अख़बार वाले की दुकान जाकर कहा – भाई क्या बात है अख़बार नहीं आ रहा है | उसने कहा अंकलजी अख़बार तो रोज डालता हूँ | मैने कहा – दो […]
मेरा शहर मेरा प्रदेश अपनी एक अलग ही अनूठी पहचान रखता है । मिलनसारिता , त्योहार की रंगीनियां ,खान पान की विविधता , चहल पहल से आबाद ये शहर वाकई ज़िंदादिली को परिभाषित करता है । जो यहाँ आता है वो यही का होकर रह जाता है । पर इस […]
अभी कुछ दिन पहले चौथ माता का व्रत किया। सुहागिनें बड़ी अभिलाषा और आस्था से ये व्रत और भी न जाने कितने व्रत पूजा आदि करती हैं। मन में एक प्रश्न उठा कि, ये सात जन्मों के साथ वाली जो अवधारणा विवाह के साथ जुड़ी है, वह आज भले ही […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।