कोरोना के दूसरे लहर में बच्चों में संक्रमण का दर अधिक देखने को मिल रहा है और उनके लिए वैक्सीन उपलब्ध नहीं है इसलिए उन्हें अधिक सावधानी एवं सतर्कता रखने की आवश्यकता है। बच्चे अपने साथियों से मिलने के लिए बेचैन है। घर के सीमित दायरे में बने रहने की […]

‘आयुर्वेद’ है ‘जीवन का ज्ञान’ आयुर्वेदयति बोधयति इति आयुर्वेदः। अर्थात जो शास्त्र आयु (जीवन) का ज्ञान कराता है उसे आयुर्वेद कहते हैं। आयुर्वेद विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा प्रणालियों में से एक है। यह अथर्ववेद का समूचा विस्तार है। यह विज्ञान, कला और दर्शन का मिश्रण है। ‘आयुर्वेद’ का अर्थ है, […]

चाय एक सर्व मान्य और सरल पदार्थ हे, रोजाना सुबह मे एक कप चाय और साथ में ब्रेक फास्ट भी होता है, कही लोगो को चाय इतना पसंद हे कि दिन में दश दश कप चाय पी जानेका साहस करते हैं, लोग कहते हैं कि चाय व्‍यसन की व्याख्या मे […]

महिलाओं में हार्मोन के आए बदलावों के कारण कई तरह के रोग अपनी गिरफ्त में ले लेते हैं। देखा जाए तो अधिकांश समस्याएं औरतों को गर्भावस्था के दौरान या फिर बाद में होनी शुरू हो जाती है। कभी-कभी गर्भावस्था के दौरान या मोटापे की वजह से महिलाओं के पैरों की […]

*आज का सेहतनामा>>डिप्रेशन* जब आप खुद को ही खुद से अलग कर देते हैं तो यह लक्षण है डिप्रेशन का। यह एक ऐसी बीमारी है जो किसी को भी, कभी भी अपने घेरे में ले सकती है। कुछ लोग तो इस डिप्रेशन नामक बीमारी को झेल नहीं पाते हैं और […]

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यह एक मूर्खतापूर्ण बात है कि हिंदी की प्रगति के लिए प्राइवेट कंपनियों और प्राइवेट अस्पतालों को हिंदी में पढ़े-लिखे इंजीनियर और डॉक्टर को अपने यहाँ नौकरी पर रख लेना चाहिए | उनको मुनाफे से मतलब है, हिंदी या अंग्रेजी से नहीं | मुनाफे की खातिर वे योग्य लोगों को […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।