अभिजीत, प्रथम , मुस्कान और संजय बहुत अच्छे दोस्त थे । माधौपुर की पाठशाला में सभी कक्षा ९ वीं में पढ़ते थे । मुस्कान को तीनों दोस्त अपनी छोटी बहन मानते थे । मुस्कान अनाथ थी और गांव सूरजगढ़ में मौसी के साथ रहती थी । प्रतिदिन चार किलोमीटर पैदल […]

रमानाथ कई सालों से सपत्नीक धार्मिक यात्रा पर जाने की सोच रहे थे पर हर बार कारोबार की व्यस्तता या कोई न कोई अड़चन उन्हें जाने से रोक देती । पत्नी राधा बेचारी मन मसोस कर रह जाती । उम्र के इस अंतिम पहर में वह अपने पति के साथ […]

रूप लावण्य और संस्कारों की धनी रूपा ने जब अपने यौवन में कदम रखा तो उसके मन में अनेक सुनहरे सपने खिलने लगे । सदा खिलखिलाती रूपा – अक्सर गुनगुनाती रहती थी – वो सुबह कभी तो आएगी … ! कई बार जानकर भी अनजान बनते हुए मैने उससे पूछा […]

ठाकुर केदारनारायण सिंह की तिमंजिला कोठी में जश्न मनाया जा रहा है | देर रात तक ढोल टनकती रहती ,जुग जुग जिए रे ललनवा ,के अंगनवा के भाग जागे , जच्चा बच्चा ,सोहर नटका सब चलता ,बेसुरी हो या सुरीली सभी बहुएँ गाने को उतावली थी | आखिर बड़ी बहू […]

  नीरू अपने बेटे की शादी को लेकर बड़ी ख़ुश थी । बहुत से सपने सज़ा रखे थे नीरू  ने समीर की शादी के । और सही भी था समीर नीरू का इकलौता बेटा था । बड़े अरमान थे उसकी शादी के । आख़िर वो दिन भी आ गया संकेत […]

अपने पिता का अंतिम संस्कार कर लौट रहे सिद्धार्थ की आँखों से अविरल धारा वह रही थी । वह अपने साथ वापस हो रही भीड़ के आगे – आगे चल जरूर रहा था पर उसका मन उसी तेजी से पीछे भाग रहा था।  साथी उसके कंधे पर हाथ रखकर सांत्वना […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।