इंसान को इंसानियत सिखलाए मन में मानवता जगाए ये हमारे संस्कार ओ मेरे यार……. जब कोई दुर्घटना हो जाए किसी को चोट लग जाए रखना उनका ख्याल ओ मेरे यार…… जब कोई मुश्किल में फस जाए कोई रोए और घबराए पूछ लेना उनके दिल का हाल ओ मेरे यार……. जब […]

कल ही उन्होंने वृक्षारोपण कर अखबार में ख़बर छपवाई थी साथ मे उनकी फोटो भी आई थी वृक्ष महत्ता पर दिया था भाषण करना होगा पर्यावरण संरक्षण आज उन्होंने ही कटवा डाला आंगन में खड़ा नीम का पेड़ जो दे रहा था पूरे घर को छांव वही आशियाना था कोयल […]

आज आज़ाद है वतन, अंग्रेज़ों की चंगुल से, मास्क ने लोगों की सांसों को, कैदी बनाया है। अरमानों की बारात सजाता है, इंसाँ ज़िन्दगी में, चला ख़ंजर ख्वाहिशों पर,रूख़सत हो गए अरमाँ।। हाथ हाथों से मिल जाते मुस्कुराते कई चेहरे सैनीटाइजर लगा कर भी डरे सहमे कई चेहरे महज़ एक […]

जब पल पल पेड़ कटते जायेंगे , तब सब जंगल मैदान बन जायेंगे | मानव तब बार बार पछतायेगा , जब सारे वे मरुस्थल बन जायेगे || जब पौधे सिमट गए हो गमलो में , प्रकृति सिमट गयी हो बंगलो में | जब उजाड़ जायेगे घौसले पेड़ो से, तब बन्द […]

जमीं ये आसमान बाकी है हौसलों की उड़ान बाकी है जिंदगी कितना तड़पायेगी मेरे लबों पे मुस्कान बाकी है सुनो ना जिंदादिली के किस्से अभी तो पूरी दास्तान बाकी है कौन डरता है मुसीबतों से यहां सोचों कि,अभी सुलतान बाकी है माना कि ज़ख्म नासूर हैं मगर अभी भी मुझमें […]

मृत्यु का अर्थ स्वर्ग नही फिर क्यों स्वर्गीय कहते हो पाप किये जिसने बहुत उसे नर्क में नही बताते हो स्वर्ग जाएगा या नर्क में कर्म निर्धारण करते है परमात्मा तटस्थ है भाई भेदभाव नही वह करते है अगर चाहिए स्वर्गलोक सद्कर्म पथ पर चले चलो हर लोक संवर जाएगा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।