मै भी हूं तन्हा,तू भी है तन्हा, छोड़ जायेंगे इस जहां को तन्हा। आए थे तन्हा,जायेगे हम तन्हा, छोड़ जायेगे इस दौलत को तन्हा। ये चांद है तन्हा,ये सूरज है तन्हा, ये आसमां में दोनों घूमते हैं तन्हा। तन्हा रहकर भी न हो पाए हम तन्हा, तेरी याद आती है […]

साथ न होकर भी मेरे साथ रहते हैं । पापा तो हरदम यूं मेरे पास रहते हैं ।। हर फ़तेह में मेरी शामिल हैं हर पल । सर पर उनकी दुआओं के हाथ रहते हैं ।। रोशनी की मानिंद साथ चलते हैं वो । छू नहीं पाता क्यूं ऐसे हालात […]

वाणी और व्यवहार का दिया कबीर ने ज्ञान। जगजग को संदेश दिया बोलो मीठे वचन तुम। जिस से टल जाते है बड़े बड़े रणभूमि के युध्द। कहत कबीर सारे जग से सत्य अहिंसा पर तुम चलो।। गंगा नदी के तट पर बैठकर कहते संत कबीर। सब जन तुम मिलकर रहो […]

उजड़ा-उजड़ा चमन भीगा-भीगा हर नयन भूखी आधी आबादी झूठी तेरी आजादी वोट लिया हमारा विकास हुआ तुम्हारा महंगा यहां जीवन सस्ता हुआ मरण मेहनत हम करें घर दलाल भरें नेता जी को सब मुफ्त कानून बड़ा सुस्त महल बने तुम्हारे झोपड़े भी न हुए हमारे तुम छलकाओ मदिरा प्याले हमको […]

सीने से लगाकर तुमसे बस इतना ही कहना है। की मुझे जिंदगी भर तुम अपनी बाहों में रखना।। मेरी साँसों में तुम बसे हो दिलपे तुम्हारा नाम लिखा है। मैं अगर खुश हूँ मेरी जान तो ये एहसान तुम्हारा है…।। मुझे आँखो में हरपल तेरी ही एक तस्वीर दिखती रहती […]

ये यौवन क्या है तुम्हारा, उमड़ता हुआ है समंदर। डर लगता है इससे मुझको, कहीं डूब न जाऊं मै अंदर।। ये काली जुल्फे है तुम्हारी, काली घटा भी इनसे हारी। इनको जब तुम झटकती, बिजली इनके आगे मटकती।। ये आंखे क्या है तुम्हारी, नीली झील से भी गहरी। नौका विहार […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।