ठण्ड के मौसम में मैं अक्सर सोचा करती हूँ उस बर्फ की नदी को लेकर जिसकी सतह संगमरमरी पत्थर का अहसास दे जाती है कितना दुखदायी होता होगा बहती नदी का पत्थर हो जाना ठण्डा पड़ना याकि संवेदन शून्य हो जाना परंतु फिर याद आती है उसके भीतर की जीवंत […]
काव्यभाषा
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