गणतंत्र दिवस का करते हैं हम गुणगान,
लहू बहाकर जिसने दी हमें आज़ादी।
करते हैं हम उन्हें शत्-शत् नमन।
क्या करेंगे हम उनकी महिमा का गुणगान।।
वो तो थे हज़ारों-लाखों में महान।
ऐसे वीर सपूतों को करते हैं हम प्रणाम।।
उन माताओं के सामने झुकाते हैं सिर अपना।
जिन्होंने दिया इस देश को वीर सपूत अपना।।
ग़ुलामी के ज़ंजीरों से बंधे हमारे देश के वीर।
डटे रहे, खड़े रहे, न झुकाया सिर अपना।।
हर बेड़ियों को तोड़कर वो आगे बढ़ते रहे।
छाती हो गई छलनी जब चलीं गोलियां।।
फिर भी वो रुके नहीं लगाते रहे एक ही नारा।
आज़ाद करो हमारे देश को एक नहीं लाखों में है।।
एक जाएगा तो दूसरे आएँगे, लगाते रहेंगे एक ही नारा।
आज़ादी चाहिए हमें आज़ादी चाहिए।।
वीर सपूतों की कुर्बानी ना जाने देंगे व्यर्थ।
लेकर रहेंगे हम आज़ादी, हम डटे रहे हम खड़े रहे।।
गणतंत्र दिवस पर हम लगाते हैं एक ही नारा।
हम हैं हिन्दुस्तानी, हम है हिन्दुस्तानी।।
#रीना श्रीवास्तव
वापी, गुजरात