आया है आज फिर से गणतंत्र दिवस अपना,
लेकर कई जाबाज़ों की यादों को साथ,
मत भूलना क़ुर्बानी को उनके एक पल को भी,
जिनके बलबूते गणतंत्र का तिरंगा फहरा रहे आज।
नहीं मिला अपना संविधान इतनी आसानी से हमें,
करनी पड़ी मेहनत लगातार अनेक दिन और रात,
कितने ही मशक्कत और मुश्किलों का किया सामना,
तब जाकर बना दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान।
आज़ादी से भी पहले शुरू हुआ था लिखना संविधान,
विद्वानों ने अपने बुद्धि-विवेक से कर डाला यह कठिन काम,
२६ जनवरी १९५० को लागू हुआ हमारा यह संविधान,
पूर्ण आज़ादी मिली उस रोज़ हुआ स्वराज का सपना साकार।
मत देना देश तोड़ने वाली शक्तियों को कभी बढ़ावा,
अपनी एकता के बल पर तोड़ देना उनका हौंसला,
हम भारतवासी हैं एकता की मिसाल इस जगत में,
सभी के लिए बसा है भरपूर प्यार हमारे हृदय में।
#बिप्लव कुमार सिंह
फ़रीदाबाद, हरियाणा