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फैसले अक्सर
गलत हो जाते हैं
शायद इसमें आपका
दोष नहीं होता
यह एक समयचक्र है
जिसमें आप को
सही-गलत का भान नहीं होता।
अफसोस तो तब होता है
जब दूसरे इसका
लाभ उठाते हैं
यह सोचकर कि
उनसे कोई गलत
फैसला नहीं हो सकता।
ऐसे लोग
इंतजार करें
क्योंकि सचमुच
यह समयचक्र है
आपके गलत फैसले भी
आपके पास लौटकर आएँगे।
अर्द्धेन्दु भूषण
इन्दौर, मध्यप्रदेश
लेखक वर्तमान में शहर इन्दौर में कार्यरत वरिष्ठ पत्रकार औऱ दैनिक अख़बार के एसोसिएट सम्पादक और स्तम्भकार है।
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