देशसेवा, हिंदसेवा श्वास में है बह रही,
प्राण से प्यारी धरा है, नित्य वाणी कह रही।
धर्म से है कर्म से है, भाव सबका एक है,
सर्वदा सद्भावना हो, त्याग का अतिरेक है।
शेष जग होता चकित है, देख मेधा हिंद की,
ओम से होती शुरू है, भव्य गाथा सिंध की।
भिन्न भाषा, भिन्न सदियाँ, जयतु भारत गह रही,
प्राण से प्यारी धरा है, नित्य वाणी कह रही।
मोक्ष की अवधारणा हो या कि गंगा आचमन,
पूज्य ग्रंथों का यहां होता सदा ही अनुगमन।
सभ्यता की श्रेष्ठता देती सहज में उच्चता,
पूर्व से पश्चिम दिशा तक, है प्रमाणित योग्यता।
विश्व कमतर था समझता, मान्यता वो ढह रही,
प्राण से प्यारी धरा है, नित्य वाणी कह रही।
धन्य सैनिक, धन्य हलधर, धन्य वैदिक ज्ञान है,
धन्य गुरुकुल की प्रथा है, धन्य विद्यादान है।
रीति, जप, तप, पाठ, पूजा है सभी विज्ञान से,
साधते हैं सुप्त विद्या, मूक अंतर्धान से।
देशहव में होम जीवन, चाह उर में दह रही,
प्राण से प्यारी धरा है, नित्य वाणी कह रही।
कल्पनाएँ अब हमारी, सत्यता में ढल रहीं,
सूचना प्रौद्योगिकी की, योजनाएँ फल रहीं।
कारखाने कह रहे हैं आत्म-निर्भरता भली,
अब स्वदेशी हिंद नारा, प्रार्थनाएँ हैं फली।
स्वर्ण-सी शोभित मही हो, चित्त आशा रह रही,
प्राण से प्यारी धरा है, नित्य वाणी कह रही।
दह:..ज्वाला, अग्निशिखा
नीलम तोलानी ‘नीर’
इन्दौर, मातृभाषा
परिचय-
नाम: नीलम तोलानी ‘नीर’
पिता: श्री गोविंद सचदेव
माता: श्रीमती शारदा सचदेव
पति: श्री हरीश तोलानी
पु़त्र: ख़ुश तोलानी, रिद्धिमान तोलानी
जन्म तारीख: 23/05
शिक्षा: बी. एससी, एमएफए, (फाइनेंस), डब्ल्यू एस पी.. अाईअाईएम बंगलुरू
रुचियाँ: लेखन, पठन
प्रकाशन:
पुस्तक- कितना मुश्किल कबीर होना (2022) संस्मय प्रकाशन, दिल्ली
साझा संग्रह: “गूंज”, “शब्दों की पतवार”, “शब्द समिधा”, “स्वच्छ भारत”, शब्द मंजरी।
सिसृषा, ब्रज कुमुदेश, काव्यांजलि जैसी छंद
पत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशन।
*कई समाचार पत्र यथा पत्रिका, दैनिक भास्कर, सिंधु मशाल पत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशन जारी।
विशेष सम्मान:
उड़ान वार्षिक प्रतियोगिता 2019 में श्रेष्ठ लघुकथाकार व छन्द लेखन में पुरस्कृत।
अंतरराष्ट्रीय पत्रिका राम काव्य पीयूष में गीत का चयन, प्रकाशन
2019 में women web राष्ट्रीय हिंदी कविता प्रतियोगिता में पोएट आॅफ़ ईयर अवॉर्ड
उड़ान सारस्वत सम्मान
उड़ान गद्य सम्राट
सिंधु प्रतिभा सम्मान 2019