शरीर को अगर रोग मुक्त तुम्हे रखना है। योग को जीवन में सदा तुम्हे रखना है।। पहला सुख निरोगी हो काया, दूसरा सुख घर में हो माया। तीसरा सुख संत्वंती हो नारी, चौथा सुख पुत्र हो आज्ञाकारी। अगर इन सुखों को तुम्हे पाना है, योग को जीवन में तुम्हे अपनाना […]
भारत की एकमात्र, हर क्षेत्र की पहचान ज्ञानोत्कर्ष अकडमी का उद्घाटन हुआ साथ ही पिता दिवस पर विराट महाकविसम्मेलन का आयोजन किया गया था ! इस संस्था के संस्थापक सह राष्ट्रीय अध्यक्ष रुपेश कुमार जी ने संस्था के उद्देश्यों के बारे मे पूर्ण जानकारी दिया! उन्होनें बताया की हमारी संस्था […]
रोज सबेरे तुम सब जागो नित्य क्रियाओं से निवृत हो। फिर योग गुरु को याद करो और योग साधना तुम करो। स्वस्थ और निरोगी रहोगे तुम और एकदम सुंदर दिखाओगें। मानव शरीर का अंग व पुर्जा एक दम से तुम्हारा चुस्त रहेगा।। बाग या घरका आंगन में तुम नित्य करो […]
जीवन का संगीत सीख ले, खुशियाँ घर में आएंगी। दुःख चिन्ता सब दूर रहेगी, सुख की घड़ियां आएंगी। सा रे गा मा जिसने सीखा, उसने जीवन आसान किया, सीख सका ना जो इसको, उसने जीवन बर्बाद किया। सुर लय ताल से जीना सीखो, जीवन सफल हो जाएगा। जीवन की कठिन […]
, बड़ा दुर्भाग्य है कि हमारा समाज अत्याचार एवं शोषण से अपने आपको मुक्त नहीं कर रहा है। हमारा समाज यह तनिक भी नहीं सोच रहा है कि आज जो हम कर रहे हैं वह सही है अथवा गलत…? जबकि आज हम शिक्षित एवं जागरूक तथा सभ्य सामाज की बात […]
कोरोना महामारी पर विशेषज्ञों ने एक बार फिर चौंकाने वाले बयान देकर आम आवाम में दहशत पैदा कर दी है। कुछ हफ्तों के बाद कोरोना की नई लहर आने की संभावना भरी उद्घोषणा से निराशा, हताशा और अनजाने डर का माहौल पैदा हो गया है। लाक डाउन खुलने के बाद रोजगार […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।