आन पड़ा संकट ऊपर, जब प्राण पके अपने देखे , तरूओं ने फिर किया विचार, अच्छे कल के सपने देखे। मन भावे ना छांव हमारी, बैठन से लगे कतराने, कूलर एसी में बैठे हो, मुंह हमको तुम लगे चिढ़ाने, शान के चलते कमरों में अब, मनीप्लांट ही दिखते हैं, हमसे […]

पेश ए नजर रात के नाम एक ख़त लिखने को जी चाहता है, ख्वाब के दरिये में साहिल पे उतरने को जी चाहता है । खुद को लिखके खुदी को मिटाने को जी चाहता है, ढूंढ रहे वो अक्स जो गुजरी पढ़ने को जी चाहता है। सर सीने पे रखके […]

गुरु पूर्णिमा पर हल्दी घाटी से द्वारिका तक निकलेगी गीता संदेश यात्रा वर्धा, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा की ओर से हल्दीघाटी युद्ध दिवस के उपलक्ष्य में 18 जून 2021 को ‘भगवद्गीता और महाराणा प्रताप : राष्ट्रीय सुरक्षा और मानवाधिकार के सन्दर्भ में’ विषय पर तरंगाधारित राष्ट्रीय संगोष्ठी दो […]

देव भाषा संस्कृत को बढ़ावा देना रचनाकारों का प्रमुख दायित्व है-डॉ. राजेश पुरोहित भवानीमंडी: देश के सुप्रसिद्ध कवि एवम साहित्यकार डॉ. राजेश कुमार शर्मा पुरोहित को यूथ वर्ल्ड न्यूज एंड सोशल मंच बीकानेर द्वारा रविवार को वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान एक्सीलेंसी अवार्ड 2021 से सम्मानित किया। पुरोहित को यह सम्मान […]

ये कैसा काले जादू का सम्मोहन छाया है चारों ओर देश में जल रही हैं चिंताये श्मशानों में शव वाहिनी बनकर रो रही है गंगा बेरोजगारी से सिसक रहा है युवा शिक्षित भारत बाढ़ से अपने ही खेत, खलिहान, आशियानों को बहता देखता गरीब, मजदूर ,किसान आदमी । पेट की […]

तेरी याद आई,तेरे जाने के बाद, तुझे ढूंढा मैंने,तुझे जाने के बाद। लौट आओ अपने घर पर जल्द, कभी न लड़ेंगे,तेरे आने के बाद।। जरा सी बात पर घर छोड़ा न करो, हर बात का बतंगड़ बनाया न करो। होती रहती हैं मियां बीबी मे ऐसी बाते, इस तरह से […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।