ये दिल कमवक्त किसी न किसी पर आ जाता है। भले ही सामने वाला इसे पसंद करे न करे। पर ये दिल उन्हें देखकर बहक ही जाता है। और मोहब्बत का बीज यही से अंकुरित होता है।। दिलकी पीड़ा सहकर गीतकार बन गया। मेहबूब को फूल भेजकर उसके आशिक बन […]
नवोदित कवि सुनील चौरसिया ‘सावन’ के काव्य संग्रह ‘हाय री! कुमुदिनी’ में संकलित रचनाएं एक ऐसा मधुकोश है जो उनके विविधवर्णी पुष्पों के पराग से निर्मित है। चूँकि कवि पेशे से शिक्षक हैं अत: उनकी प्रत्येक कविताओं में शिक्षा या उपदेश का आग्रह अनायास परिलक्षित होता है। पर्यावरण प्रेमी कवि […]
आज के दौर का दोस्तो क्या हाल है। आधुनिकता के नाम पर बेशर्मी का ये दौर है। न अदब न शर्म और न ही बची संस्कृति और सभ्यता। इसे ही कहते है लोग आज की आधुनिकता आज की आधुनिकता….।। इसलिए संजय लिखता और कहता मंच से। कि कलम की स्याही […]
जीवन का सर्वश्रेष्ठ शब्द ममत्व है जो निस्वार्थता का परिमार्जित रूप है । माता पिता का अपनत्व ही ममत्व है जो हमारे मां के गर्भ में आने से पहले ही अपना अस्तित्व हमारे होने वाले माता पिता के समर्पण में दिखाई देने लगता है। कितने सारे रंगीन सपनों के बाद […]
कोरोना महामारी से बचाव हेतु शासन ने टीकाकरण अनिवार्य कर दिया है। राशन से लेकर अन्य सुविधायें पाने के लिए भी टीकाकरण का प्रमाण पत्र आवश्यक है। जागरूकता लाने के नाम पर भारी धनराशि खर्च की जा रही है। सुविधाओं से वंचित होने का खतरा और कोरोना के बढते मरीजों […]
, यह बात पूरी तरह से सत्य है बढ़ती हुई जनसंख्या किसी भी देश अथवा परिवार के लिए शुभ संकेत नहीं है। यदि उच्च शिक्षा तथा उच्च चिकित्सा का बात करते हैं तो बढ़ती हुई जनसंख्या बहुत बड़ा संकट सामने खड़ा कर देती है। किसी भी परिवार को सम्पन्न और […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।