2022 उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव राजनीतिक विश्लेषक अक्सर यह कहते आये है कि देश की सत्ता उत्तरप्रदेश से होकर जाती है हो भी क्यों ना। 80 लोकसभा सांसद व 31 राज्यसभा सांसद देने वाला उत्तरप्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। जिसकी बागडोर वर्तमान में एक प्रखर नेतृत्व करने वाले सन्यासी […]

एक बात बताती हूँ, सुन मेरी लाडली। सुन मेरी लाडली, तू तो बड़ी भोली है।। आजा मेरी बिटिया, तुझे लोरी सुनाऊँ मैं, गोदी में अपने प्यार से, तुझको सुलाऊँ मैं।। आजा मेरी गुड़िया तुझे, किस्सा सुनाऊँ मैं। जीवन से सारे अनुभव, तुझको बताऊँ मैं।। माँ ने तेरी देखे हैं रंग, […]

जीवन सदैव संघर्ष है यह स्वीकार लो जरूर सदा आराम मेँ रहना होती है भारी एक भूल संघर्ष का कठिन रास्ता जीवन को कुंदन बनाता है वही विकास के रास्ते पर हमको लेकर जाता है जिंदगी में इसी संघर्ष से खुशहाली का रंग आता है अच्छा ही अच्छा होता है […]

मुंशी प्रेम चंद उर्दू साहित्य में एक अद्वितीय चरित्र हैं। मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास गौदान बहुत पहले पढ़ा गया था। तब कुछ लिख नहीं पाया। हाल ही में इस उपन्यास को फिर से पढ़ा। इस बार मकसद इस पर अपनी राय देना था। दूसरी बार पढ़ने के बाद मैं अभी […]

क्यों तुम वेबजाह आ कर दिलकी वीणा बजा देती हो। और फिर कही खो जाती हो क्या मिलता है ये करके। न सुकून से खुद रहते हो और न हमें रहने देते हो। मुद्दत हो गई तुम्हें भूले फिर क्यों बार बार आते हो।। जिंदगी को साथ चाहिए था तब […]

धर्म सभी का ऐसा हो बढ़े चरित्र का मान सबके चरित्र से बनती है अपने देश की शान संस्कार ,संस्कृति,मानवता है भारत की पहचान इन गुणों को अपनाने से बनता भारत महान् अहिंसा के हम है प्रहरी शांति के पोषक कहलाते परमात्म मार्ग पर चलते हम दुनियां के प्रेरक बन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।