सुरक्षित हैं बेटियां, मेरे मुल्क आज़ाद में, खामियाँ जितनी भी हैं, बस मेरे किरदार में। छोड़ा है जबसे हमने, संस्कारों के संसार को, उच्छ्र्न्खलता बढ़ रही, हम सबके व्यवहार में। कद्र थी माँ बाप की औ’, समाज का भी भान था, अभिव्यक्ति की आज़ादी पा, बढ़ रहे दुराचार में।   […]

क्षमा भाव मन में धारण,कर ले ओ भोले प्राणी, कर दे क्षमा तू सबको,खुश होगी जिंदगानी …. । नफरत के बीज बोए,काँटों से दिल लगाया, सोचा न एक पल भी,अपनों का दिल दुखाया। … मैं हाथ जोड़कर के,मानूं अपनी गलती, कर दे क्षमा तू  मुझको,खुश होती जिंदगानी.. क्षमा भाव मन […]

कहीं हो किसी को पुकारा तो जाए, सितारा कहीं से निहारा तो जाए। सलीके बहुत हैं जहाँ में ख़ुशी के, इन्हें जिंदगी में उतारा तो जाए। सभी तुझको देखें,हो तारीफ़ तेरी, कभी रुप ऐसा निखारा तो जाए। भले आज उसको आना नहीं है, ये रस्ता ख़ुशी में बुहारा तो जाए। […]

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पूरा परिवार इकट्ठा हो पतंग उड़ा रहा थां,पतंग उड़ाते-उड़ाते पत्नी की ओर एक मासूम-सा सवाल आया-रिश्ते भी माँझे की तरह होना चाहिए न…? इतने ही मजबूत…है न…? ‘नहीं प्रिये…!’ जवाब भी मजबूत था। माँझे की तरह नहीं,रेशम की तरह…l ‘क्यों…? रेशम तो कितना नाजुक होता है न ?’ ‘हाँ…! मगर […]

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वो चली गई ऐसे ही चुपचाप, उसके जाने के बाद पता चला कि, वो कितनी महान थीl वो सुलाती थी  बड़े प्यार से, खुद गीले में सोकर मुझे सूखे में.. वो खिलाती थी मुझे थाली भरकर, अपने हाथों से मनव्वल करके.. मैं  खाकर खेलने लगता था, यह जाने बगैर ही कि, […]

सौरभ फूलों का न कम हो, यह दुआ करो.. पवन न कभी मंद हो, यह दुआ करो। नव रश्मियाँ कलिकाएँ नई, खिलाती रहें.. कलिकाएँ नव घूँघट उघाड़, मुस्काती रहें.. भाव प्रकृति का न कम हो, यह दुआ करो। समय पर लगा दो अपने, कर्म का पहरा.. यह वक़्त है अभिमानी, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।