विश्व में भारत एकमात्र ऐसा देश है जहाँ सभी धर्मो को मानने वाले लोगों का बसेरा है एवं सभी जातियों व संप्रदायों के अनुयायी यहाँ निवासरत है। भारत देश प्राचीनकाल में ‘सोने की चिड़िया’ कहा जाता था क्योंकि यहाँ पर निवासरत समस्त लोगो में एकता और एकजुटता के प्रमुख गुण […]

तेरे जाने से,अब ये शहर वीरान हो गया, तेरे जादू का असर अब जाने कहा खो गया, तेरी पायल की झंकार से, ये सारा शहर जाग जाता था, अब उन झंकारो का खतम नामों-निशान हो गया, बहुत ढूँढ़ा मैनें तुझे मुशाफिरों की तरह, भटकता रहा,छिपता रहा,कायरो की तरह, अब तक […]

जय अंबे, जय जगदम्बे   ,माता शेरों वाली। रे मन! ले जा उन गलियों में मुझे, जहाँ रहती ज्योतावाली।। है वो ही सुख दायिनी मैया, दुविधा हरने वाली। नेत्रहीन की आंखों में भी, नवज्योति भरने वाली।। रे मन! ले जा उन गलियों में….. जय अंबे, जय जगदंबे, माता शेरों वाली। रे […]

इस धरा का  अद्वितीय अनुपम वरदान है माँ, जन्मदात्री जगतपूज्या जग में सबसे महान है माँ, नौ महीने कोख में रख वह शिशु को जन्म देती, अथक पीड़ा सहन कर भी वह किसी से कुछ न लेती, दया,ममता,स्नेह की माँ अद्भुत अप्रतिम तस्वीर है, कितने रूपों को जीती लिखतीं कितनी […]

“सफर” यह एक ऐसा शब्द है जो अपने आप में बहुत विशाल है। सफर एक ऐसी रोमांचकारी धुन है जो इन्सानों में ऐसे सवार रहती है जैसे शरीर में प्राण।  और यह प्राण प्राणियों को उनके होने और उनके अस्तित्व को जिंदा रखने के लिये बेहद आवश्यक है। जिंदगी में […]

तुम्हारे प्यार का ऐसा है छाया रंग मुझपे, कि आता है नजर रंगीन ये सारा जहाँ, तुम्हारे रंग में अब मैं रंगारंग हो गया हूँँ, कि भाता है तेरा ही रंग मुझको हर जगह, तुम्हारे साथ जितने थे बिताये खुशनुमा पल, कि नाता है,रहेगा उम्र भर रंगीन यादों का यहाँ, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।