एक छोटे से शब्द गाली से घृणा होती है मुझे, जब दो व्यक्तियों के बीच झगड़ा होता है या किसी व्यक्ति को जब किसी दूसरे व्यक्ति पर क्रोध आता है तो वह गालियाँ देकर अपना क्रोध शांत करता है,मैंने सभ्य और संस्कारी पुरूषों को भी माँ बहिनों पर गंदी गालियां […]

जीवन का सर्वश्रेष्ठ शब्द ममत्व है जो निस्वार्थता का परिमार्जित रूप है । माता पिता का अपनत्व ही ममत्व है जो हमारे मां के गर्भ में आने से पहले ही अपना अस्तित्व हमारे होने वाले माता पिता के समर्पण में दिखाई देने लगता है। कितने सारे रंगीन सपनों के बाद […]

, बड़ा दुर्भाग्य है कि हमारा समाज अत्याचार एवं शोषण से अपने आपको मुक्त नहीं कर रहा है। हमारा समाज यह तनिक भी नहीं सोच रहा है कि आज जो हम कर रहे हैं वह सही है अथवा गलत…? जबकि आज हम शिक्षित एवं जागरूक तथा सभ्य सामाज की बात […]

सन 2005 की वो हसी शाम थी।जिस दिन हमारी शादी कुर्सी से हुई आज सोलह वर्ष हो गये लेकिन विकास पुत्र का जन्म नही हुआ ।महिला, माता, बूढे, बुजुर्ग, की दर्द भरी कहानी जो विकास के खोखले दावो की पोल खोलता गंगा तट पर दफन हो गया । क्या कुर्सी […]

हमारे सनातन धर्म में कहा गया है लड़की का सुहागन होना और ससुराल में होना शुभ है ,और संस्कारिक मर्यादा भी।लेकिन आज कल के माॅम डैड ने इसे वर्बाद कर रखा है।सबसे ज्यादा विकट स्थिति का माध्यम फोन का घंटो तक आदान प्रदान होना।जिस किसी घर में ऐसी बीमारी लगी […]

अनेकों जन्म के पुण्यों का फल यह मानव शरीर हैं जो हमें मिला है, ईश्वर की बनाई सबसे सुंदर कृत्ती,सबसे सुंदर रचना,सबसे सुंदर सर्जन है यह मानव शरीर , और इसकी व्यवस्था जिसको पाकर आप हम सभी ही मानव सम्पूर्ण जगत का आनंद ले सकते है,इसी शरीर के माध्यम से […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।