थल सेना के हम जवान, दुश्मन से कभी ना डरते हैं चौकीदार हैं हम भारत के, सरहद की चौकसी करते हैं। कड़कड़ाती सर्दी हो या, हो गर्मी कितनी भीषण। आँधी आए या आए तूफ़ान, हम कभी ना छोड़ें अपना रण। फौलादी सीने को अपने, भारत माँ की ढाल बनाते हैं। […]

भारत माता के माथे बिंदी, बड़ी प्यारी लागे भाषा हिन्दी। मां की ममता सी प्यारी हिंदी, मधु सी मीठी लागे भाषा हिन्दी। सरस ,सरल और सहज है हिन्दी, सबके मन भावे भाषा हिन्दी। हर दिल की धड़कन भाषा हिन्दी, रग रग में बसी है भाषा हिन्दी। प्यार की भाषा, परिभाषा […]

दिल में दहक रहे अंगारे, आँखों में गुस्से की ज्वाला है। आ जाए जो नारी खुद पर, कौन उसको रोकने वाला है? मान मर्यादा की ख़ातिर, पी जाए विष का प्याला है। हर रिश्ते में बंध जाए नारी, पहने बंधन की माला है। जिस घर में पूजी जाए नारी, उस […]

स्वागतम, स्वागतम,नए साल का, आया मेहमान फिर से एक साल का। स्वागतम ,स्वागतम…………. रंगोली बनाएं हम प्यारी प्यारी, फूलों से सजाएं हम गलियाँ सारी, करना स्वागत है हमको नए साल का। स्वागतम स्वागतम………….. स्वागतम, स्वागतम,नए साल का, आया मेहमान फिर से एक साल का। स्वागतम ,स्वागतम…………. पूड़ी पकवान घर में […]

कांटों भरी हैं जीवन की राहें, आशाएं नजर ना आएं। उलझन भरा है ये जीवन सारा, मिले ना सुकून की बाहें । लेकर खंजर खड़े हैं अपने, किस पर भरोसा जताएं। उम्मीदें लगाएं बैठे हैं जिनसे, वो ही हमें तड़पाएं। मांगे कभी जो मदद किसी से, वो राहों में कांटे […]

हे मातृभूमि ! भारत माता, तुमको शत शत करें नमन। प्रेम से हम सब शीश झुकाएं, श्रृद्धा सुमन करें अर्पण। तुम पर न्योछावर माता मेरी, ये तन मन , सारा जीवन। हरा भरा है आंचल तेरा मां , जिसको लहराए मस्त पवन। सागर तेरे मां चरण पखारें, है मुकुट हिमालय […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।