कांटों भरी हैं जीवन की राहें

0 1
Read Time1 Minute, 20 Second

कांटों भरी हैं जीवन की राहें,
आशाएं नजर ना आएं।
उलझन भरा है ये जीवन सारा,
मिले ना सुकून की बाहें ।

लेकर खंजर खड़े हैं अपने,
किस पर भरोसा जताएं।
उम्मीदें लगाएं बैठे हैं जिनसे,
वो ही हमें तड़पाएं।

मांगे कभी जो मदद किसी से,
वो राहों में कांटे बिछाएं।
अपना समझकर जो घाव दिखाएं,
वो घावों में नमक लगाएं।

सुख की घड़ी में साथ हैं सारे,
मिलकर मौज मनाएं।
वक्त बुरा जब जीवन में आए,
ना कोई साथ निभाए।

आओ खुद से संकल्प करें हम,
खुद ही अच्छे बन जाएं।
बनकर किसी के जीवन आशा,
जीने की आस जगाएं ।

अनजाने में भी ना हो पाप हमसे,
ना किसी को दर्द पहुंचाएं।
जाति धर्म के भेद मिटाकर कर,
सबको गले से लगाएं।

किस्मत के मारे,निर्धन बेचारे,
यदि हमसे आस लगाएं,
तन मन धन से उनकी मदद कर,
हम ढेरों दुआएं पाएं।

मानव हैं हम, मानवता को,
आभूषण अपना बनाएं।
बांट के सुख दुःख आपस में हम,
जीवन सुखमय बनाएं।

रचना –
सपना ( स० अ० )
प्रा० वि० उजीतीपुर
जनपद औरैया

matruadmin

Next Post

समझ नहीं पाया…

Tue Nov 24 , 2020
कभी गमो के साये में जिये तो कभी खुशी के महौल में। जिंदगी को जीने के कई नये नये तरीके मिले। बदलते मौसम के साथ हम भी जीने लगे। और इरादे भी समानुसार हम भी बदलने लगे।। भले ही ये सब करने से हम खुश न हो। परन्तु दुसरो की […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।