
भारत माता के माथे बिंदी,
बड़ी प्यारी लागे भाषा हिन्दी।
मां की ममता सी प्यारी हिंदी,
मधु सी मीठी लागे भाषा हिन्दी।
सरस ,सरल और सहज है हिन्दी,
सबके मन भावे भाषा हिन्दी।
हर दिल की धड़कन भाषा हिन्दी,
रग रग में बसी है भाषा हिन्दी।
प्यार की भाषा, परिभाषा हिंदी,
माखन रोटी सी लागे हिंदी।
दिल से दिल का गठबंधन हिंदी,
अपनेपन का एहसास है हिन्दी।
गंगा यमुना सी पावन हिंदी,
ऋतुओं में सावन भाषा हिंदी।
हिन्दुस्तान की शान है हिन्दी,
हम सब की पहचान है हिन्दी।
भावनाओं की आवाज है हिन्दी,
वेद पुराणों की सार है हिन्दी।
कोयल का मधुर राग है हिन्दी,
एकता का सदभाव है हिन्दी।
हम सब अपनाएं भाषा हिन्दी,
आओ गुनगुनाएं भाषा हिन्दी।
भाषाओं की भाषा, भाषा हिन्दी।
तन मन में रमाएं भाषा हिन्दी।
रचना –
सपना (स० अ०)
जनपद औरैया