मेरी तुतली बोली को बस माँ समझती थी मेरी लेकिन मैने जो भी बोला  समझा हमेशा आपने मुझको अच्छे और बुरे का फर्क था आता नहीं आप ही थे वो कि सब मुझको सिखाया आपने मुझको जब भी ठेस पहुंची थी किसी की बात से अपनी मीठी सी बातों से […]

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नम आंखों से तुझे दुआ दूँ भईया कैसे तुझे भुला दूँ ये राखी जब भी आती है आँखे मेरी भर जाती है फिर भी मन को समझाती हूँ रोते रोते मुस्काती हूँ याद तुम्हारी जब आती है  दिल को कितना तड़पाती है रोली तिलक लगाऊ कैसे दूर बहुत हूँ आऊँ […]

जब लाल किले की चोटी पर तिरंगा लहराता है हर एक भारतवासी का सीना छप्पन इंची हो जाता है!! जल, थल और नभ के सैनिक जब करतब नए दिखाते हैं        दुनियां भर के देशों को अपना सामर्थ्य बताते  हैं   तब पर्वतराज हिमालय भी महिमामण्डित हो जाता […]

चीख रही है धरती आज तड़प रहा है अंबर। अश्रु बहाती गंगा अपनी अस्थिर है दिगंबर (ब्रह्मांड)। छोड़ गया है आज हमें वह देख जिसे था सीखा जीना। सीखा गया है आज हमें वह शंकर बन हलाहल पीना। सूनी संसद भरती आंहें भारत माता पड़ी है मौन। त्राहि त्राहि पूछ […]

आरक्षण नाम तो सबने सुना ही होगा एक शब्द छोटा सा है। जो कि दलितों को आगे बढ़ाने में बहुत ही सहायक हैं। आरक्षण किसी का भी पुश्तैनी हक नही है और ना ही विरासत है!     अब सवाल ये उठता है कि आरक्षण का क्या सदुपयोग हो रहा […]

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हम गौरवशाली झंडे का शान नही झुकने देंगे भारत की पावन भूमि का अभिमान नही मिटने देंगे!! चाहे तुमको सरहद की परवाह नही हो नेता जी पर हम अपने वीरों का बलिदान नही बिकने देंगे!! गर सीमा पर पड़े जरूरत जान न्योछावर करने की हम सब लहू का कतरा,कतरा हँसकर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।