सड़कों पर उमड़ा जनसमुदाय लाखों की तादात में नर-नारी, आस्था के अथाह सागर में डूबने को तत्पर, किसी को मारकर या मरकर, बचाने अपने भगवान को, अब भगवान को बचाने के लिए भक्तों की जरूरत पड़ने लगी है, तर्क पर अंधभक्ति भारी पड़ने लगी है। भगवान कटघरे में है, […]

राष्ट्रभाषा की बयार बहती सजीवता से, मानस विशुद्ध हिन्दी गीत लिख दीजिए। संस्कृति संस्कार खान हिन्दी देश की पहचान, विश्व को सिखाई है वो रीत लिख दीजिए। प्राण में समाए हिन्दी राष्ट्रभक्ति भावना से, राष्ट्रभाषा हिन्दी हेतु गीत लिख दीजिए। बार-बार हिन्दी पर करे जो प्रहार,वैसे बैरी को परास्त कर […]

आसाराम-सिंधी है,राम रहीम-सिख जाट, रामपाल भी जाट,राधे माँ-खत्री सिख है तो जय गुरुदेव-अहीर हैं…यह सब गैर ब्राह्मण बाबा हैं। इन्हीं लोगों ने सनातन धर्म का सत्यानाश किया है। ब्राह्मणों का क्या महत्व है, अब सबको समझना चाहिए। परशुराम जी ब्राह्मण थे,शंकराचार्य जी भी ब्राह्मण थे और चाणक्य भी ब्राह्मण थे,जिन्होंने […]

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अगर हम सोचें तो जीवन  में आनंद तमाम है, प्रभु प्रीति में जैसे मन बन जाए वृंदावन धाम है। झूठे जग की माया और झूठी हमारी काया, शाश्वत सत्य कि जानते हम वो भी गुलाम है। जीवन उसी का सफल है इस जग में आकर जिसके जीवन में प्रभु गुण […]

बिखर रहे क्यों देह धर्म से, आत्म धर्म से एक बनो तुम.. परिजन तेरे प्रभु सेवा को, सेवामय सब कार्य करो तुम.. नहीं देह का नाता जग से, श्री हरि से ही सब नाते हैं॥ सभी चराचर प्रभु शरीर हैं, उसके हेतु कार्य करो तुम.. विषम दृष्टि से मत देखो […]

  तुझको ऐ ज़िन्दगी,इक रोज़ मैं छल जाऊँगा, मौत का हाथ पकड़  लूँगा निकल जाऊँगाl   सोने-चाँदी के हज़ारों से न सींचो मुझको, मैं ग़रीबों की दुआओं से ही पल जाऊंगाl   बंद मुट्ठी का भरम आप बनाए रक्खें, और कुछ रोज़ उम्मीदों में बहल जाऊंगाl   मत सुना चाँद सितारों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।