बाबाओं ने किया धर्म का सत्यानाश

0 0
Read Time1 Minute, 56 Second

himanshu pandey
आसाराम-सिंधी है,राम रहीम-सिख जाट,
रामपाल भी जाट,राधे माँ-खत्री सिख
है तो जय गुरुदेव-अहीर हैं…यह सब गैर ब्राह्मण बाबा हैं। इन्हीं लोगों ने सनातन धर्म का सत्यानाश किया है। ब्राह्मणों का क्या महत्व है, अब सबको समझना चाहिए। परशुराम जी ब्राह्मण थे,शंकराचार्य जी भी ब्राह्मण थे और चाणक्य भी ब्राह्मण थे,जिन्होंने अधर्म और अत्याचार को उखाड़ फेंका तथा न्याय की स्थापना की। एक सन्त ब्राह्मण ही हो सकता है,और हां,जाति का फर्क भी पड़ता है, इसमें कोई संदेह नहीं है। जाट भी खेती करने में अपने-आप में वैज्ञानिक होता है,आसमान देख के बता सकता है,कि इस साल बारिश होगी या नहीं। वैसे भी पूर्वजों ने ऐसे ही कार्यों के आधार पर वर्णों को नहीं बांटा था,सबका अपना काम है जिसमें वो सबसे मजबूत होते हैं। ब्राह्मणों का कार्य जबसे गैर अंतरजातीय लोग भी ब्राह्मण बन के पंडितो का कार्य कर रहे हैं, तभी से ही सनातन कुल का नाश हो रहा है,जिसे सबको जागरुक करके रोकना होगा।

                                                       #हिमांशु पाण्डेय
परिचय: हिमांशु पाण्डेय की जन्मतिथि- १५ दिसम्बर १९९८ और जन्म स्थान-कुंडा (प्रतापगढ़) है। आपका निवास शहर-इलाहाबाद(उत्तर प्रदेश)में है। स्नातक की शिक्षा जारी है और लेखन का उद्देश्य सामाजिक बुराइयों कॊ सामने लाकर उनका उन्मूलन करना है।
                             

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

वर्दियां

Wed Aug 30 , 2017
सबसे कह रही है वर्दियां। जुल्म सह रही है वर्दियां॥ आज सड़कों पर होता अपमान है। खाकी के साथ रोता संविधान है॥ आज कानून यहाँ मानता कौन है। कातिल छोड़ दो,मंत्री का फोन है॥ चल रही शीत लहर बह रही सर्दियां, सबसे कह रही है वर्दियां। जुल्म सह रही है […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।