आसाराम-सिंधी है,राम रहीम-सिख जाट,
रामपाल भी जाट,राधे माँ-खत्री सिख
है तो जय गुरुदेव-अहीर हैं…यह सब गैर ब्राह्मण बाबा हैं। इन्हीं लोगों ने सनातन धर्म का सत्यानाश किया है। ब्राह्मणों का क्या महत्व है, अब सबको समझना चाहिए। परशुराम जी ब्राह्मण थे,शंकराचार्य जी भी ब्राह्मण थे और चाणक्य भी ब्राह्मण थे,जिन्होंने अधर्म और अत्याचार को उखाड़ फेंका तथा न्याय की स्थापना की। एक सन्त ब्राह्मण ही हो सकता है,और हां,जाति का फर्क भी पड़ता है, इसमें कोई संदेह नहीं है। जाट भी खेती करने में अपने-आप में वैज्ञानिक होता है,आसमान देख के बता सकता है,कि इस साल बारिश होगी या नहीं। वैसे भी पूर्वजों ने ऐसे ही कार्यों के आधार पर वर्णों को नहीं बांटा था,सबका अपना काम है जिसमें वो सबसे मजबूत होते हैं। ब्राह्मणों का कार्य जबसे गैर अंतरजातीय लोग भी ब्राह्मण बन के पंडितो का कार्य कर रहे हैं, तभी से ही सनातन कुल का नाश हो रहा है,जिसे सबको जागरुक करके रोकना होगा।
#हिमांशु पाण्डेय
परिचय: हिमांशु पाण्डेय की जन्मतिथि- १५ दिसम्बर १९९८ और जन्म स्थान-कुंडा (प्रतापगढ़) है। आपका निवास शहर-इलाहाबाद(उत्तर प्रदेश)में है। स्नातक की शिक्षा जारी है और लेखन का उद्देश्य सामाजिक बुराइयों कॊ सामने लाकर उनका उन्मूलन करना है।