वो लड़की दिवानी जिसे भूल ना पाया,, वो चाहत पुरानी जिसे भूल ना पाया,, वो ख्वाबों की रातें, वो मुलाकातो के दिन,, उसकी यादों में कटते, हर पल उसके बिन,, उसकी बातें नशीली, मोहक थी हर अद़ा,, खत ऐसे जिन्हें पढ़कर हो गये थे हम फीदा,, उसकी चिट्ठी पुरानी जिसे […]

शिकवे और शिकायत का अबांर होता है,, लेकिन भाईयों में गहरा प्यार होता है,, भले ही कुछ बातों से मन में कड़वाहट आ जाए, या कुछ बातों से चाहे सीना छलनी हो जाए,, लेकिन बिगड़ी में भाई ही मदद्गाऱ होता है, शिकवे और शिकायत का अबांर होता है, लेकिन भाईयों […]

जब नए कपड़े सिलवाते थे, और दिवारें रंगती थी,, जब बड़ी बड़ी तस्वीरें हर घर में सजती थी,, शादी ब्याह के जैसे घर में रौनक छा जाती थी,, अब वो दिवाली नही है आती जो पहले आती थी,, जब दिवाली की तारिख़ को बच्चे जबानी रटते थे,, जब लम्बे डंडे […]

मेरे गीतों को गज़लो को कही सुनती तो वो होगी,, नही भूली है मुझको याद करती तो वो होगी,, बड़े मगरूर होकर के कभी खत हमने लिखे थे, ना फाड़े है ना जलाए है, उन्हे पढ़ती तो वो होगी, मेरे गीतो को गज़लो को कही सुनती तो वो होगी,, मेरे […]

सोलह सावन बीत गए है, पर वो मीत अभी भी याद है,, जो बारिश़ में गुनगुनाया करते, वो गीत अभी भी याद है,, उसके नाम के अक्षर वाले आज भी मन को भाते है,, जितना भूलाना चाहुं उनको उतना वो याद आते है,, उनकी कसमें,उनकी रस्में, वो प्रीत अभी भी […]

इंदौर(कीर्ति राणा) । शहर में आए दिन कथा-प्रवचन-भंडारे तो होते रहते हैं लेकिन हैप्पी स्वामी की बातें एक तरह से ठहाकों का भंडारा था। लगा नहीं किसी संत को सुन रहे हैं, अहसास होता रहा अपने घर का कोई बुजुर्ग तीर्थाटन के बहुत दिनों बाद अपने बीच आया है और […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।