” मीत ” 

0 0
Read Time1 Minute, 17 Second

sachin
सोलह सावन बीत गए है, पर वो मीत अभी भी याद है,,
जो बारिश़ में गुनगुनाया करते, वो गीत अभी भी याद है,,
उसके नाम के अक्षर वाले आज भी मन को भाते है,,
जितना भूलाना चाहुं उनको उतना वो याद आते है,,
उनकी कसमें,उनकी रस्में, वो प्रीत अभी भी याद है,,
सोलह सावन बीत गए है, पर वो मीत अभी भी याद है,,
उसके घर के पिछवाड़े में वो पीपल बड़ा स्याना था,,
जिसके पत्तों पर लिखा अक्षर अक्षर दिवाना था,,
उस पनघट पर दिल थे हारे, पर वो जीत अभी भी याद है,,
सोलह सावन बीत गए है, पर वो मीत अभी भी याद है,,
वो चोरी चोरी उनसे मिलना, वो आंखो की आंख मिचोली,,
धीरे से तब हाथ दबाना, वो बातें और हंसी ठिठोली,,
बहके हम दोनो से जो नीभ ना पाई, वो रीत अभी भी याद है,,
सोलह सावन बीत गए है, पर वो मीत अभी भी याद है,,
जो बारिश़ में गुनगुनाया, वो गीत अभी भी याद है,,
#सचिन राणा हीरो
  हरियाणा 

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

कुछ अर्थों को

Wed Nov 14 , 2018
  कुछ अर्थों को न खोजें तो बेहतर कुछ कार्यों की कारणता को न तलाशें तो बेहतर कुछ खुरदरे से अहसासों को न तराशें तो बेहतर कुछ बेतकलुफ़्फ़ से दरियाओं की मंजिल न समझे तो बेहतर रूबरू हो रहे नित नये क़िरदारों की वजहें न जानना चाहें तो बेहतर ज़िंदगी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।