वो लड़की दिवानी जिसे भूल ना पाया,,
वो चाहत पुरानी जिसे भूल ना पाया,,
वो ख्वाबों की रातें, वो मुलाकातो के दिन,,
उसकी यादों में कटते, हर पल उसके बिन,,
उसकी बातें नशीली, मोहक थी हर अद़ा,,
खत ऐसे जिन्हें पढ़कर हो गये थे हम फीदा,,
उसकी चिट्ठी पुरानी जिसे भूल ना पाया,,
वो लड़की दिवानी जिसे भूल ना पाया,,
वो पनघट वो पीपल, वो मिलने का बहाना,,
वो बांहो का घेरा, वो मौसम गजब सुहाना,,
उसके बदन की खुशबू ,भीगी जुल्फों की बूंदे,,
रंग यौवन महसूस किया, हमने आंखों को मुंदें,,
वो होठों की निशानी जिसे भूल ना पाया,,
वो लड़की दीवानी जिसे भूल ना पाया,,
वो चाहत पुरानी जिसे भूल न पाया,,
#सचिन राणा ” हीरो ”
हरिद्वार(उत्तराखंड)
Read Time1 Minute, 2 Second
Average Rating
5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%
Next Post
शांति
Sun Dec 2 , 2018
भौतिक संसाधनों की कमी नही पैसो की कमी कभी जानी नही इशारा करते ही हर बात हो जाये बड़ी शक्ति भी कदमो मे आ जाये फिर ऐसा क्या है जो चैन नही है मन फिर भी क्यो शांत नही है दिल की धड़कने बड़ी हुई है चेहरे पर बेचैनी छाई […]

पसंदीदा साहित्य
-
May 26, 2019
पिता
-
July 19, 2017
तुम जीवन का आधार प्रिये…
-
October 11, 2017
गान लिखता हूँ
-
February 20, 2018
लक्ष्य रखें नित-नैन
-
January 29, 2018
देशभक्ति